अखबारों में फिर दिखने लगे विज्ञापन, मतलब इकोनॉमी चलने लगी है, इन नए फॉर्मूलों से अब चलेगा व्यापार
भोपाल से वरिष्ठ पत्रकार श्री विजय शर्मा
भोपाल। बहुत दिनों बाद सभी दैनिक अखबारों में धीरे-धीरे ही सही लेकिन विज्ञापन दिखने लगे हैं, अच्छी बात यह है कि बाकी विज्ञापनों के साथ साथ अब रियल स्टेट के विज्ञापन भी दिखने लगे हैं, इस समय इसे बहुत ही उत्साहजनक खबर के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि *यदि अखबारों में रियल स्टेट यानी कि प्रॉपर्टी के विज्ञापन आने लगे हैं इसका मतलब यह है की बाजार में उत्साह की वापसी हो रही है (businesses are reviving after lock down)bus
इस समय बाजार को एक ऐसे ही उत्साह की जरूरत है जहां *एक व्यापारी दूसरे व्यापारी की हिम्मत बढ़ा सके अथवा इस बात पर विश्वास करें कि कोई भी वस्तु या मार्केट हमेशा के लिए मंदा नहीं हुआ है, यह अभी सिर्फ एक पौस है* क्योंकि ना तो किसी भी वस्तु या सर्विस की डिमांड हमेशा के लिए खत्म हो गई है और ना ही ऐसा हुआ है कि उसके बायर्स मार्केट से गायब हो गए हैं क्योंकि हर इंडस्ट्री के व्यापार में एक चेन होती है, जैसे कि मैन्युफैक्चर, डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर और एंड कस्टमर, उसी प्रकार से इस पूरी चेन में मौजूद हर इंसान अपने व्यापार को जल्द से जल्द पटरी में लाने के लिए पूरी कोशिश करेगा।
बेहद मेहनती है भारतीय व्यापारी, और देशों के मुकाबले भारत में जल्द पटरी पर आएगी इकोनॉमी
क्योंकि भारतीय व्यापारी अन्य देशों के व्यापारियों के मुकाबले ज्यादा मेहनती है इसीलिए जैसे-जैसे ढील मिल रही है, लोग अपनी दुगनी ताकत के साथ बाजार में वापसी कर रहे हैं, यानी कि जितना समय बाकी संपन्न देशों की इकोनॉमी को उठने में वापस लगेगा उससे कम समय में भारत की इकोनॉमी वापस अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी।
हां कुछ समय बाजार में लिक्विडिटी की कमी, कैश क्रंच जरूर रहेगा लेकिन उसके बाद लोग धीरे-धीरे मार्केट की लिक्विडिटी बढ़ाना शुरू करेंगे क्योंकि केंद्र सरकार ने ढेर सारे राहत पैकेज भी दिए हैं, उनका लाभ भी व्यापारी वर्ग उठाने से नहीं चूकेगा और देखते ही देखते व्यापार वापस अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा
अब हर व्यापार को आना होगा ऑनलाइन, विज्ञापन भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ाने होंगे
अब आने वाले समय में हर व्यापार को नए ग्राहकों को जोड़ने की जरूरत पड़ेगी चाहे वह किसी भी इंडस्ट्री का हो और चाहे उनके ग्राहक रिटेल हो कि business-to-business कैटेगरी के, इसके लिए आने वाले समय में ऑनलाइन मार्केटिंग का उपयोग अत्याधिक बढ़ेगा क्योंकि ऑनलाइन मार्केटिंग बाकी प्रिंट, आउटडोर इत्यादि के मुकाबले काफी किफायती पड़ती है अथवा उसका असर भी इस समय सबसे ज्यादा होगा इसलिए जो इंडस्ट्रीज ऑनलाइन मार्केटिंग उद्योग से जुड़ी हुई हैं, ऑनलाइन मार्केटिंग का काम कर रही है उनके लिए काफी अच्छा समय आने वाला है , वह बाकी भी जो व्यापार अब तक ऑनलाइन एक्टिव नहीं थे उन्हें भी अब ऑनलाइन मार्केट की तरफ ना पड़ेगा।
अब यही है न्यू नॉर्मल, इसके साथ ही चलेगी इकोनॉमी
यह बात सत्य है कि आने वाले काफी लंबे समय के लिए हम सबको और हमारे व्यापार को इस बीमारी के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी, यानी कि यह समस्या इतनी आसानी से खत्म होने वाली नहीं है, लेकिन चूंकि *देश के लिए अर्थव्यवस्था भी उतनी ही जरूरी है जितनी अन्य परिस्थितियां है क्योंकि लोग बीमारी से मरने से ज्यादा भूख से मरने से डरते हैं* इसीलिए अब सभी व्यापार एक नए तरीके से, एक नए रूप में शुरू हो जाएंगे यानी कि अधिकांश मीटिंग, क्लाइंट प्रेजेंटेशन अब ऑनलाइन होना शुरू होगी, *अब लोग लिमिटेड रिसोर्सेस के साथ काम करना सीख जाएंगे*, प्रवासी की जगह लोकल मजदूरों पर जोर रहेगा और कुल मिलाकर हर व्यापार इस नए नॉर्मल के साथ जीना शुरु कर देगा
अगर आप अभी भी घर पर सो रहें हैं तो बता दूं, बाकी सभी व्यापार शुरू हो चुके हैं, और जो बच गए हैं वो बहुत तेज़ी से शुरू होने जा रहे हैं
अंत में – अभी जो व्यापारी सब कुछ पहले जैसा नॉर्मल होने का इंतजार कर रहे हैं या इस सोच में बैठे हैं कि बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी उसके बाद हम व्यापार शुरू करेंगे तो उस भुलावे में वह ना रहे क्योंकि अगर वह ऐसा सोचते हैं तो बहुत पीछे रह जाएंगे, अधिकांश फैक्ट्रियां व्यापार अपने आप को रीस्टार्ट कर चुके हैं, छोटे लेवल पर ही सही उत्पादन शुरू हो चुका है, अभी भी जो व्यापारी वर्ग इसे सोचने में अपना समय व्यर्थ करेगा उसके लिए समस्याएं बहुत विकट हैं *और कुछ नहीं तो अपने व्यापार को ऑनलाइन ही शुरू कीजिए, कोलैबोरेट कीजिए, अलग-अलग जिलों में अलग-अलग प्रदेशों में टाइ अप कीजिए, आउटसोर्सिंग कीजिए क्योंकि आने वाला समय इसी का है*