इंदौर पुलिस शहीदों पर आज चिर्तार्थ हो गयी ये सर्वोत्तम रचना – चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने, जिस पथ पर जावें वीर अनेक!
विशेष - डॉ सौरभ माथुर
इंदौर। आज इंदौर पुलिस के लिए बेहद गर्व का दिन था, बेहद अभूतपूर्व , जिसने भी देखा उसकी आँखों में पानी और हाथों पर रौंगटे जम गए , आज देश के महान कवी माखनलाल चतुर्वेदी की कविता चिर्तार्थ हो गयी जिसको सुन कर देश का हर सैनिक गौरान्वित होता है :
चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध
प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक!
असल में आज इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र राजमोहल्ला में कोरोनावायरस के चलते दिन रात ड्यूटी कर रहे पुलिस प्रशासन का रहवासियों ने एक अपने अनूठे अंदाज में स्वागत किया जहां पुलिस प्रशासन के लिए रहवासियों ने फूलों से सड़कों को सजाया था तो वहीं जून इंदौर टीआई को श्रद्धांजलि देने का भी रहवासियों ने मस्जिद के बाहर तस्वीर लगा कर आयोजन किया जहां पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने अपने अधिकारी को सैल्यूट कर श्रद्धांजलि दी , तो वहीं लोगों ने अपने घरों से तालियां बजाकर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों का जोरदार स्वागत किया।
तत्पश्चात एसपी वेस्ट महेशचंद जैन ने सभी के इस स्वागत का धन्व्यद अर्पित करते हुए लोगों में जोश भर दिया उन्होंने कहा की हम सभी को ईश्वर और अल्ला ताला ऐसी शक्ति दे जिससे हम सब पूरी तरह से ठीक होकर लॉक डाउन खुलने के बाद उपरवाले की उनके इबादतगाह में इबादत करें , इंदौर हमेशा नंबर वन था, नंबर वन है और नंबर वन रहेगा।
बाईट। महेश चंद्र जेन एसपी