इंदौर प्रशासनिक सकुंल दलालो के कब्जे में अधिकारी भी आम जनता के कार्यो में अडंगे लगा दलालो के काम को प्रमुखता से निपटाते है
इंदौर – प्रशासनिक संकुल देखने मे सूंदर मनभावन है लेकिन अगर आप किसी काम लिए आये है तो आपका मन खराब होते देर नही लगेगी।सबसे पहले आप जिस विभाग का कार्य है तो उस विभाग के अधिकारी की कुर्सी ढूंढेंगे उसके लिए आप पूछताछ काउंटर के लिए नजर दौड़ाएंगे लेकिन आपको नही मिलेगा पूछताछ काउंटर।क्योंकि वहाँ महीनों से कोई बैठा नही तो पूछताछ का बोर्ड भी हटा दिया गया। पूर्व में भी कलेक्टर महोदय आदेश निकाल चुके है लेकिन कोई व्यवश्था अभी तक नही हुए। बस आपकी इसी परेशानी भरे चहरे की तलाश में घूम रहे दलालो की नजर आप पर पड़ती है और आपको वो देवताओ की तरह प्रकट हुआ मददगार लगता है।और फिर काम के हिसाब से रेट फिक्स हो जाते है। क्योंकि आपकी मजबूरी है दलाल को पकड़ना। वैसे आप जिस अधिकारी से कार्य करवाने आये है वो अभी दिन के 2 बज रहे है कुर्सी पर नही आया है कब आएंगे पता नही लेकिन आपके दलाल को सब मालूम है की साहेब कब आएंगे,कोंन से काम पहले करेंगे। सरकार जनता के हितों के लिए कितनी भी योजनाए बना ले कितने भी वादे कर ले काम तो अधिकारियों को करना है तो क्यों न सरकार नई योजना बनाने के बजाए अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार बनाने, समय पर कुर्सी पर बैठाने ओर दलालो को हटा सीधे जनता के कार्य कैसे हो इस विषय पर कोई योजना बनए। अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़ 9300006777