कहीं अंध भक्ति में कुछ गलती न हो जाए
लेकिन इस बार की अंध भक्ति कुछ अलग है। देश के हालात चाहे सुरक्षा को लेकर हो आर्थिक नीतियों को लेकर हो बेरोजगारी पर हो महंगाई पर हो महिला सुरक्षा को लेकर हो । सरकार की विफलताओं को भली भांति जानते हुए भी अंध भक्त अपनी आंख कान बंद कर सिर्फ भक्ति में डूबे हुए है। 2014 में जो विस्वास था वो वाजिब भी था। सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता थी देश को । ओर विपक्ष ही एक मात्र विकल्प सामने था। मंहगाई विदेशी निवेश gst आधार कार्ड का विरोध जनता की आवाज बन विपक्ष कर रहा था। लेकिन साथ मे जनता को ओर भी वादे किए गए श्री राम मंदिर धारा 370 हिन्दू राष्ट्र अखंड भारत निर्माण लेकिन पिछले 5 वर्षों में सत्ता में आने के बाद इस सरकार के शीर्ष नेता बन बैठे दोनों नेताओं ने न शिर्फ़ देश का बंटाधार कर दिया बल्कि संघटन को भी बिखेर के रख दिया।
आज मनमानी के लिए पहचाने जाने वाले दोनों नेताओं ने पार्टी संघटन की जड़े उखाड़ के फेक दी है। सभी वरिष्ठ नेता अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ हार चुके है। सरकार बनते है जम्मू कश्मीर में महबूबा मुक्ति मोहम्मद के साथ सरकार बनाते ही देश की जनता मुह देखती रह गयी थी। 5 सालो में देश मे हर ओर बेरोजगारों की फ़ौज खड़ी कर दी है। आतंकवादी हमलों नक्सलवादी हमलों में रोज सैनिक शहिद हो रहे है,आधार कार्ड एक अनिवार्य डॉक्यूमेंट बन चुका है देश की जनता के लिए।
विदेशी निवेश 100 प्रतिशत कर दिया गया है।gst ओर नोट बंदी ने देश के उधोग जगत की कमर तोड़ दी है। bsnl एयर इंडिया जैसे कई सरकारी संस्थान बंद होने की कगार पर है। कर्मचारियों को नोकरियो से निकाला जा रहा है। रुपया रोज अपनी चमक खो रहा है। अखंड भारत की बात करने वाले कल तक हिन्दू मुस्लिम को लड़ाते थे अब हिन्दुओ को भी तोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ जाकर दलित एक्ट ले आये।
प्रधानमंत्री 5 साल में पहली बार अयोध्या जाते है लेकिन श्री राम मंदिर निर्माण की न तो बात करते है न दर्शन करने जाते है। लेकिन अंध भक्त इन विषयों पर कभी बात नही करते अपने रहनुमा से। लेकिन आपने अगर ये सवाल दाग दिए तो आप गद्दार बन जाएंगे। लेकिन अभी भी देश जाग रहा है कुछ अंधभक्तो के बहकावे में नही आएगा। 2019 के चुनावों में इन व्यापारियों को सत्ता से उतार सही जगह पहुचा देगा। अशोक रघुवंशी भारतीय news इंदौर।