कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद भी किसानों की समस्या नही हो रही है कम,
इंदौर । मध्यप्रदेश में किसानों पर राजनीति कर कांग्रेस भले ही सत्ता में काबिज हो गई हो लेकिन किसान आज भी खेत से लेकर मंडी तक परेशान होता हुआ ही नजर आ रहा है देर रात भी भावंतर योजना का लाभ लेने के लिए किसान भारी मात्रा में प्याज लेकर मंडी जरूर पहुंचा लेकिन ट्रैफिक से लेकर मंडी की अव्यवस्थाओं पर किसान ने एक बार फिर सवालिया निशान खड़े करते हुए अपनी परेशानी बयां की है।
मध्यप्रदेश में किसानों की राजनीति करने के बाद भले ही कई पार्टियां सत्ता में काबिज होती हुई नजर आती हो लेकिन किसानों की समस्या का हल कोई नहीं खोज पाया है किसान खेत में पसीने से भले ही अनाज बोले लेकिन मंडी आते आते हो उसका खून पानी ही दिखता है देर रात कई ट्रक मंडी के दरवाजे पर कतार बंद दिखाई दिए हजारों की संख्या में ट्रक मंडी पर पहुंचे थे जिनमें से कई भावंतर योजना के अंतर्गत लाभ लेना पहुंचे किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कतार बंद ट्रकों की जद्दोजहद के बाद जब किसान मंडी क्या व्यवस्था इस कदर है कि ना तो किसानों के लिए पढ़ने के लिए त्रिपाल है नाही पीने योग्य पानी की व्यवस्था की गई है किसानों से ट्रकों में भरे माल का भले ही गेट पर ही तो ले लिया जाता हो लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर किसान से भले ही तो ले लिया जाए लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर किसान अपने आप को एक बार फिर ठगा सा ही महसूस करता है।
बात की जाए भावांतर योजना की तो किसान अभी तक कांग्रेसमें भावंतर योजना के तहत होने वाले लाभ को ही साफ नहीं किया है क्यों ने कितनी राशि अतृप्त दी जाएगी और कितना लाभ उन्हें मिल पाएगा वह तो केवल अपना आलू प्याज लेकर मंडी पहुंचा है अब देखना यह होगा कि या आलू प्याज कितना राजनीति की भेंट चढ़ता है कहीं रोड पर आकर फिर एक बार राजनीति के चलते आमजन के पांव में ना कुछ ना जाए और फिर विपक्ष इस पर और किसान की मेहनत पर रोटी ना सीख ले।