क्या अब EMI को भी और तीन महीने नहीं बढ़ा देना चाहिए ? लॉक डाउन 2.0 के बाद से ही मांग कर रहे थे लोग, अब 3.0 के बाद बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे
विशेष - डॉ सौरभ माथुर, संपादक
नई दिल्ली। आज अचानक किए गए लॉक डाउन तृतीय की घोषणा के बाद पूरे देश से हर आम व खास वर्ग और उद्योग संगठन अब यह भी मांग तुरंत उठाने लगे हैं कि जैसे किस्तों यानी की ईएमआई को 3 महीने के लिए छोड़ दिया गया था अब उन्हें और 3 महीने के लिए छोड़ दिया जाए क्योंकि यदि मई अंत तक स्थिति सामान्य होगी तो व्यापार को कम से कम तीन से 6 महीने का समय पटरी पर वापस आने के लिए लग सकता है।
देश के व्यापारिक वर्ग से लेकर के अधिकतर नौकरीपेशा लोग यह माई के बोझ के तले दबे हुए हैं और अब यह साफ दिखाई देता है कि स्थितियों को पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम 3 महीने का समय यहां से और लगेगा इसका मतलब यह है कि लोगों की आर्थिक स्थिति को पटरी पर आने के लिए 3 से 6 महीने का समय है और देना पड़ेगा इसीलिए सरकार को चाहिए कि बैंकों पर दबाव बनाकर यह माई जो पहले 3 महीने बढ़ाई थी इसे और 3 महीने बढ़ाया जा सके क्योंकि इसका प्रावधान अभी बैंकिंग सिस्टम में है ।
बैंक चाहे तो 6 महीने तक का मोरटोरियम अपने ग्राहकों को दे सकते हैं जिससे अब आवश्यकता अनुसार आगे बढ़ा दिया जाना चाहिए अन्यथा देश की अधिकतर जनता इसके भोज के तले ही डूब कर अपना दम न तोड़ दे।