क्रेसेन्ट वाटरपार्क से गुमशुदा युवक की लाश शिप्रा में तैरती मिली, डूबने की एक्टिंग करना पड़ा भारी, डर के मारे दोस्त बोल गए झूट, पुलिस ने मामला खोल : लसूड़िया थाने का मामला
इंदौर।
दिनांक 28 419 को फरियादी प्रेम नारायण ने प्रेम नारायण मालवीय ने थाना लसूडिया पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनका लड़का उम्र 17 वर्ष अनिकेत मालवीय दिनांक 244 19 को क्रिसेंट वाटर पार्क अपने छोटे भाई प्रवीण मालवीय तथा पड़ोसी राजेंद्र पिता हनुमान मालवीय के साथ गया था जो शाम को करीब 6:00 बजे वापस अपने घर आ गया था तथा घर से वापस निकला था जो नहीं मिला सूचना पर दिनांक 28 4 को धारा 363 माधवी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर अनिकेत मालवीय की तलाश की गई तहकीकात के दौरान ज्ञात हुआ कि दिनांक 244 19 को प्रेजेंट वाटर पार्क के सीसीटीवी कैमरे में अनिकेत व उसके दोनों साथियों के फुटेज नहीं मिले तथा अनिकेत के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकालने पर जानकारी प्राप्त हुई थी दिनांक 24 4K दोपहर 3:30 बजे मोबाइल का लोकेशन नानाखेड़ा उज्जैन में था जिससे विरोधाभास हुआ कि 24 तारीख के 3:00 बजे प्रवीण व राजेंद्र के कथन अनुसार क्रिसेंट वाटर पार्क में गए थे तो उसी समय का लोकेशन नानाखेड़ा उज्जैन मिलना विरोधाभासी प्रतीत हुआ जिससे मृतक गुमशुदा अनिकेत के भाई प्रवीण मालवीय पर शक हुआ कि यह झूठ बोल रहा है जब भरोसे में लेकर पूछताछ की की तो उन्होंने बताया कि क्रिसेंट वाटर पार्क ना जाते हुए मोटरसाइकिल से तीनों उज्जैन के राम घाट पर नहाने के लिए गए थे नहाते समय अनिकेत डूबने की एक्शन कर रहा था जिसे मजाक समझ कर ध्यान नहीं दिया लेकिन वास्तव में जब अनिकेत डूब गया तो डर के कारण उसका छोटा भाई प्रवीण व पड़ोसी राजेंद्र दोनों घर पर आ गए तथा डर के कारण परिजनों को नहीं बताया कि अनिकेत नदी में डूब गया है बल्कि यह बताया कि क्रिसेंट वाटर पार्क से घर आ गए थे तथा अनिकेत को उसके किसी दोस्त बाबू ने बापट चौराहे बुलाया था उस बाबू के साथ अनिकेत गया तब से नहीं मिल रहा है तथा प्रवीण व राजेंद्र अपने परिजनों को डर के कारण सही जानकारी नहीं दी 3 दिन इंतजार करने के बाद अनिकेत के पिता ने थाना लसूडिया में रिपोर्ट दर्ज कराई जिसे पुलिस ने तत्परता से लेकर खुलासा किया है मृतक अनिकेत के डूबने के दूसरे दिन बाद उसकी लाश नदी में ऊपर आने के कारण उज्जैन के थाना महाकाल में मर्ग कायम हुआ जिसे पोस्टमार्टम घर दफना दिया गया प्रकरण की विवेचना वह पता था जी में एसआई महेंद्र वीके राकेश चौहान आरक्षक धीरेंद्र राठौर आरक्षक राज कुमार चौबे आरक्षक अंकुश दांगी मनोज नायक व नीरज तोमर का सराहनीय योगदान रहा