डायवर्सन तथा अन्य राजस्व बकाया वसूली के लिये लगाये जायेगें शिविर , कलेक्टर श्री जाटव द्वारा राजस्व प्रकरण समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश
इंदौर जिले में डायवर्सन सहित अन्य राजस्व बकाया वसूली के लिये शिविर लगाये जायेगें। जिले में बैंकों द्वारा दिये गये ऋण की वसूली के लिये ब्रिस्क योजना के तहत विशेष ध्यान दिया जायेगा। ब्रिस्क योजना में बकाया ऋण वसूली पर संबंधित वसूलीकर्ता राजस्व अधिकारियों को प्रोत्साहन स्वरूप राशि मिलती है।
यह जानकारी आज यहाँ कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव द्वारा ली गई राजस्व समीक्षा बैठक में दी गई।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, श्री कैलाश वानखेड़े, श्री पवन जैन, श्री अजय देव शर्मा, श्री बी.बी.एस तोमर सहित सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री जाटव ने अधिकारीवार राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की।
बैठक में उन्होने जिले के राजस्व अधिकारियों द्वारा गत महिनों में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये किये गये कार्यों की सराहना की। उन्होने कहा कि अधिकारियों ने इस अवधि में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये उल्लेखनीय काम किये है और लंबित प्रकरणों की संख्या को कम किया है। उन्होने आगे भी इसी तरह कार्य करते रहने के निर्देश दिये।
उन्हाने कहा कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण हमारा मूल दायित्व है। राजस्व प्रकरण हर-हाल में समय-सीमा में निराकृत हों। सभी राजस्व प्रकरण पोर्टल पर दर्ज हो। ऐसे प्रकरण जिनमें सुनवाई हो चुकी है, उनमें तुरंत आदेश जारी किये जाये। सुनवाई के पश्चात कोई भी प्रकरण आदेश के लिये लंबित नहीं रखा जाये।
बैठक में उन्होने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने अधिनस्थ न्यायालयों और कार्यालयों का रोस्टर के अनुसार निरीक्षण करें। निरीक्षण प्रतिवेदन पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाये। कार्यालयों में आने वाले प्रत्येक राजस्व प्रकरण उसी दिन पोर्टल में दर्ज हो। उन्होने नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, सीएम हेल्पलाइन, लोक सेवा गारंटी, ब्रिस्क आदि राजस्व गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में कलेक्टर श्री जाटव ने निर्देश दिये कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये चलाये जा रहें “हैप्पी न्यू ईयर-2020, शून्य शक्ति अभियान” का प्रभावी क्रियांवयन किया जाये। अभियान के दौरान सभी पटवारी 31 अक्टूबर तक जिले के सभी गांवों में जायें। वहाँ नागरिकों से सीधा संवाद करें। खसरा, खतौनी का वाचन करें। गांव में ही ग्रामीणों से लंबित राजस्व प्रकरणों के आवेदन लें। आवेदनों का निराकरण कर गांव में ही जाकर उनके द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी लें। बताया गया कि इस अभियान के अंतर्गत 21 अक्टूबर से लेकर अभी तक लगभग 2700 आवेदन नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख में सुधार और ऋण पुस्तिका संबंधी प्राप्त हो चुके है। कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि अभियान के अंतर्गत प्राप्त सभी प्रकरणों को पोर्टल में अनिवार्य रूप से दर्ज कर उनका शत्-प्रतिशत निराकरण सुनिश्चित किया जाये।