तानसेन संगीत समारोह ग्वालियर में 17 दिसम्बर से, समारोह में शिरकत करेंगे राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय कलाकार
इंदौर – संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में ग्वालियर में 17 दिसम्बर से 5 दिवसीय राष्ट्रीय तानसेन समारोह आयोजित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस वर्ष से समारोह को अंतर्राष्ट्रीय पहचान देने का निर्णय लिया। इस वर्ष तानसेन संगीत समारोह में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीत कला साधक और कलाकार शिकरत करेंगे। समारोह में पंडित रविशंकर की जन्म-शताब्दी पर आधारित चित्र प्रदर्शनी ‘प्रणति’ आयोजित की जाएगी। संगीत संवाद पर केन्द्रित वादी-संवादी कार्यक्रम में विख्यात सितार वादक श्री शुभेन्दु राव और ध्रुपद गायक उमाकान्त गुन्देचा के व्याख्यान प्रमुख आकर्षण रहेंगे।।
संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस तानसेन संगीत समारोह में पहले दिन 17 दिसम्बर को सुबह 9:30 बजे संगीत सम्राट तानसेन की समाधि पर हरिकथा और मीलाद की प्रस्तुति होगी। इसी दिन शाम 7 बजे सारंगी वादक पद्मश्री मोईनुद्दीन खाँ और प्रेम कुमार मलिक ध्रुपद गायन प्रस्तुत करेंगे। पहले दिन ही शासन द्वारा स्थापित राष्ट्रीय तानसेन एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मानों का अलंकरण समारोह होगा। इस मौके पर तानसेन सम्मान से अंलकृत कलाकार गायन प्रस्तुत करेंगे। इसके पूर्व संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर के कलाकारों की प्रस्तुति होगी।
दूसरे दिन 18 दिसम्बर को प्रात:कालीन सभा में सुबह 10 बजे मीता पंडित, रसिका गावड़े और सागर मोरानकर का गायन होगा। श्रुति अधिकारी अपने साथी कलाकारों के साथ पंचनाद प्रस्तुत करेंगी। समारोह में ग्रीस की कलाकार लौकिया वालासी और स्टेला वालासी द्वारा गायन संतूरी की प्रस्तुति होगी। सायंकालीन सभा में तानसेन संगीत महाविद्यालय एवं अभिजीत सुखदाण का ध्रुपद गायन, अब्दुल सलाम, नौशाद का क्लेरोनेट वादन तथा यू.एस.ए से आये मोहन देशपाण्डे का गायन होगा। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक संगीत के मूर्धन्य मृदंगाचार्य पद्य विभूषण श्री उमायलपुरम के शिवरमन का मृदंग वादन समारोह का विशेष आकर्षण होगा।
तानसेन संगीत समारोह में तीसरे दिन 19 दिसम्बर को सुबह की सभा में सुधाकर देवले और सोनल शिवकुमार का गायन, जयंत गायकवाड़ का पखावज वादन और सलीम अल्लाहवाले ग्रुप का ताल सप्तक होगा। शाम की सभा में नरेश मल्होत्रा एवं पं. अजय पोहनकर का गायन और नित्यानंद हल्दीपुरकर का बांसुरी वादन होगा। विश्व संगीत श्रृंखला में ईरान के कलाकार सियावस इमानी, पेड्रम खावर जामिनी, आमिर खैरी की प्रस्तुति होगी।
समारोह में चौथे दिन 20 दिसम्बर को सुबह की सभा में महेश दत्त पाण्डेय, आपूर्वा गोखले और पल्लवी जोशी का युगल गायन होगा। रामचंद्र भागवत का वॉललिन वादन होगा। इसी सत्र में विश्व संगीत के अंतर्गत चीन की कलाकार ली फेंगयुन द्वारा गुचिन की प्रस्तुति होगी। इसी दिन शाम की सभा में कौशिकी चक्रवर्ती और जान्हवी फनसालकर का गायन होगा। श्री नरेन्द्रनाथ धर सरोद वादन प्रस्तुत करेंगे। इसी शाम विश्व संगीत के अन्तर्गत इजराईल के मीर गैसेनबावर, अमित मीनाखेम और ऐरन जमीन द्वारा नेय, परकशन और ऊद की प्रस्तुति होगी।
राष्ट्रीय तानसेन समारोह में पाँचवे और अंतिम दिन 21 दिसम्बर को ग्वालियर में तानसेन की जन्म स्थली बेहट में सुबह की सभा होगी। इसमें संजुक्ता दास और प्रज्जवल शिरके गायन प्रस्तुत करेंगे। अली अहमद खाँ का सारंगी वादन होगा। इसी दिन शाम की सभा गुजरी महल में होगी, जिसमें जयश्री सबागुंजी और सुजाता गुरव का गायन तथा मीता नाग का सिताव वादन होगा। विश्व संगीत की प्रस्तुतियों के अंतर्गत बेल्जियम के कलाकार हेलिना सूटर्स और बियेतरेज गायन एवं गिटार की प्रस्तुति देंगे।
तानसेन समारोह की सुबह एवं शाम की सभाओं की शुरूआत में परंपरा अनुसार माधव संगीत महाविद्यालय, राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय, भारतीय संगीत महाविद्यालय, शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर, साधना संगीत महाविद्यालय, तानसेन संगीत कला केन्द्र बेहट एवं सारदा नाद मंदिर के कलाकारों द्वारा ध्रुपद गायन की प्रस्तुति होगी।