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Madhya Pradeshइंदौर

दुकानों पर दवाइओं का भारी टोटा , बीपी शुगर की दवाइयां भी नहीं मिल पा रहीं , 21 दिन के लॉक डाउन की ख़बर सुनते ही लोग तीन तीन महीनें की दवाइयां ले गये थे

दवाइयों के होलसेलर कोरोना वायरस की वहज से खोल ही नहीं रहे दूकान इसीलिए रिटेलर के पास नहीं पहुँच रहा माल

इंदौर। कोरोना वायरस के चलते लोग राशन के लिए ही नहीं अति आवश्यक दवाइयों के लिए भी परेशान हो रहे हैं ।
प्रशासन ने दवा बाजार तो खुलवा दिया है लेकिन थोक दुकानदार अपनी दुकानें नहीं खोल पा रहे हैं इसके कारण रिटेलर के पास दवाइयां नहीं पहुंच रही है वहि जो मरीज व उनके परिजन यहां दवाई लेने पहुंच रहे हैं उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में इन लोगों के सामने समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

इंदौर केमिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष श्री विनय बाकलीवाल जी ने बताया की  कोरोना वायरस के चलते जब 21 दिन का लॉक डाउन किया गया और उसके बाद जब प्रशासन ने दवाइयों की दुकान खोलने के निर्देश दिए तो लोगों ने घबराहट में तीन-तीन गुना अति आवश्यक दवाइयां खरीद ली । इसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई कि आर्थिक रुप से कमजोर बीमार लोगों को दवाइयां अब नहीं मिल पा रही है और वे दर-दर भटक रहे हैं। सोशल डिस्टेंसी के कारण लोगों का नंबर दुकान पर काफी देर बाद आता है और जब वह पर्चा दिखाता है तो उसे यही जवाब मिलता है कि यह दवाई खत्म हो चुकी है । 15 मिनट से लेकर आधे घंटे तक एक दुकान पर इसी तरह दवाइयों के लिए इंतजार करना पड़ता है और फिर अंत में उसे खाली हाथ ही यहां से लौटना पड़ता है। लोगों को दवाइयां नहीं मिलने का कारण यही बताया गया है कि खुदरा विक्रेता बेच की दवाइयां वापस स्टाक नहीं कर पा रहा है क्योंकि दवा बाजार के थोक विक्रेता छूट मिलने के बावजूद अपनी दुकानें नहीं खोल पा रहे हैं ।
बताया गया कि, यहां पर लगभग 200 बड़े थोक दवाई विक्रेता है लेकिन कोरोना वायरस का डर उन्हें भी सता रहा है और वह अपनी दुकानें खोलने में घबरा रहे हैं । बताया गया है कि कुछ दवा व्यापारी को पूर्णा का संक्रमण आने की चर्चा बनी हुई है इसी का नतीजा है कि थोक विक्रेता अपनी दवाई की दुकानें खोलने में आनाकानी कर रहे हैं । दवा बाजार में लगभग 200 बड़े थोक विक्रेता है लेकिन दवाइयों की दुकान नाम मात्र खुल रही है गुरुवार को केवल थोक दुकानों की केवल दो ही दुकानें खुली रही इसका खामियाजा खुदरा विक्रेताओं को भुगतना पड़ रहा है और इसी मजबूरी में ग्राहकों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
फैक्ट्रियां बंद है … माल आते ही खुलेंगी थोक दुकानें
यह बात सही है कि दुकानों में अति आवश्यक दवाइयां की कमी है इसका कारण यह है कि डिपो से ही माल नहीं आ रहा है लॉक डाउन के कारण फैक्ट्रियों में काम नहीं हो रहा है जैसे माल आता जाएगा दुकानें भी खुलती जाएंगी।

 

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