पुलिस – प्रशासन में हड़कंप, सरकार गिरने की खबरों के मिलते ही अपने ‘आकाओं’ की शरण मे पहुँचे
डॉ सौरभ माथुर
एग्जिट पोल के नतीजे क्या आ गए मध्य प्रदेश की ‘beaurocracy’ में मानो भूचाल आ गया हो।
हर वो प्रषासनिक या पुलिस अधिकारी जो या तो ‘गिव एंड टेक’ या फिर इसकी वजह से इधर उधर हुआ हो ने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं मानो कई सैकड़ो बच्चों को पहली बार तरणताल में डाल दिया गया हो।
विशेष रूप से वो अधिकारी जो ‘कॉन्ट्रिब्यूशन’ करके आएं हैं ने अपने आकाओं से पूछना शुरू कर दिया है कि मेरे ‘इन्वेस्टमेंट’ का क्या होगा ?
इस मामले में प्रदेश के कई पुलिस अधिकारियों से लेकर एसडीएम स्तर के प्रषासनिक अधिकारी हर प्रकार की जुगत लगाने में जुटे हुए हैं क्योंकि यदि प्रदेश में सरकार बदलती है तो पुलिस और प्रशासनिक अम्लों में बड़ा बदलाव ज़रूर होगा।
असल में डीआईजी और कलेक्टर स्तर के कुछ अधिकारी खासे परेशान है क्योंकि वो ख़ुद ‘सीएम रूट’ के माध्यम से फील्ड में आये थे
फिलहाल वल्लभ भवन और PHQ में ‘लिंक्स’ के फोन सबसे ज़्यादा खड़खड़ा रहे हैं।
भारती न्यूज़ के सूत्रों से मिली विश्वसनीय जानकारी के अनुसार प्रदेश के टॉप ज़िले के कलेक्टर और डीआइजी पद के लिए सबसे सादा सुगबुगाहट है वहीं इन्ही ज़िलों के एसडीएम व एसपी पदों के दावेदार अभी से सक्रिय हो कर ‘कोशिश’ करने लगे हैं।