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Madhya Pradeshइंदौर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद पहुंचे उज्जैन, बाबा महाकालेश्वर का किया अभिषेक, बोले कोविड़ काल में आयुर्वेदिक काढ़े ने किया बड़ा काम

 

उज्जैन में तीन दिवसीय 59 वें आयुर्वेद अधिवेशन में हिस्सा लेने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ उनकी पत्नी सरिता कोविंद भी उज्जैन पहुंची। 10 बजे डीआरपी लाइन हेलीपेड पर उतरने के बाद महामहिम सीधे कार्यक्रम स्थल कालिदास अकादमी पहुंचे। राष्ट्रपति ने आयुर्वेद ​​​​सम्मेलन में कहा कि विश्व हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को स्वीकार करने के लिए तैयार है और कोविड के समय करोड़ों लोगों का रुझान आयुर्वेद में बढ़ा है। भारत के गांवों की चिकित्सा आज भी आयुर्वेद पर है।

 

उज्जैन में 102 वर्ष बाद हो रहे आयुर्वेद के महाधिवेशन में हिस्सा लेने पहुंचे महामहिम का देवास रोड स्थित हेलीपेड पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया, जिसके बाद अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान धन्वंतरी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन की शुरुआत की। मंच पर प्रदेश के वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया, मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह ने मंच से कहा कि कद्दू से वेध जी चूर्ण बनाकर देते थे पहले गांव गांव में वेध रहते थे। 90 से 95 प्रतिशत वेध से ही ठीक हो जाते थे। जीने का संदेश पूरे देश में दिया है। पचावा वेद आयुर्वेद निकला

एलोपैथी का विरोधी नहीं हूं एलोपैथी में सर्जर जरूरी है । अनुसंधान प्राचीन समय में नहीं हुवे है अब प्रधान मंत्री जी अब अनुसंधान करवाए रहे है। मध्य प्रदेश में आयुर्वेद का बेहतर अनुसंधान केंद्र बनया जा सकता है।

कोविड में एक करोड़ लोगों के घर काढ़ा पहुंचाया जो की लोगों के बहुत काम आया जिसके कारण लोगों का आयुर्वेद की और रुझान बढ़ा। आयुर्वेद से बेहतर पद्धति नही है , उपचार की पद्धति पर रिसर्च होना चाहिए। प्रदेश में आयुर्वेद का बेहतर रिसर्च सेंटर खोला जाएगा ।

 

 

मंच से महामहिम ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने सबसे पहले उज्जैन से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए कहा कि उज्जैन से मेरी बहुत पुरानी स्मृतियां जुड़ी है। करीब 35 वर्ष पूर्व उज्जैन आना-जाना रहता था, 15 -15 दिन यहां रुकता था। उज्जैन की गलियों से वाकिफ हूं। महामहिम ने कहा कि 59 वे अधिवेशन में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मध्य प्रदेश आयुर्वेद का सेंटर बने इसके लिए प्रयास हो। आज विश्व हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ​​​​​​ को स्वीकार करने के लिए तैयार है। कोविड में आयुर्वेद की और रुझान बढ़ा है। नए भवन का आज लोकार्पण किया है जिससे शिक्षण प्रशिक्षण और उपचार को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हॉल में बैठे कई लोग ऐसे है जो राष्ट्रपति भवन में आकर उपचार करते है।

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