लाॅटरी खुलने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के मामले में आरोपी क्राइम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में ।
इंदौर – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति रूचिवर्धन मिश्र इंदौर (शहर) द्वारा फोन काल एवं एस एम एस के द्वारा देश भर में लोगों के साथ ऑनलाईन ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था उक्त निर्देशो के तारत्मय मे पुलिस अधीक्षक मुख्यालय इंदौर श्री अवधेष कुमार गोस्वामी के निर्देशन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को इस दिशा मे प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।
विभिन्न मोबाईल कम्पनी के कर्मचारी/अधिकारी बनकर आम जनता के लोगों को एसएमएस कर तथा फोन काॅल के जरिये लुभावने आॅफर देकर पैसे अपने अकाउंट में डलवाने वालों की शिकायतें पिछले काॅफी समय से लगातार प्राप्त हो रही थी इसी प्रकार की एक षिकायत फरियादी आवेदक गुड्डू शर्मा पिता नरेष शर्मा नि. गली नंबर 6 नंदबाग काॅलोनी बाणगंगा इंदौर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर के समक्ष जनसुनवाई में उपस्थित होकर की गई थी जिसकी जांच क्राईम ब्रांच द्वारा की गई थी तत्समय जांच के दौरान ठगी की वारदातों में उपयोग होने वालें मोबाईल नंबरों तथा बैंक खाते की जानकारी ज्ञात कर उनका विश्लेषण किया गया था जिसमें आरोपियों शुभम पिता रूपसिंह उम्र 19 वर्ष निवासी गड़वाय जिला देवास म.प्र. एवं अन्य के द्वारा जालसाजी, छलकपट व धोखाधड़ी से ठगी की वारदात किया जाना पाये जाने से उपरोक्त आरोपियों के विरूद्ध थाना बाणगंगा इंदौर में अपराध क्रमांक 608/19 धारा 420, 34 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था जिसमें गिरोह की पतासाजी कर एक आरोपी गिरफतार कर लिया गया है। प्रकरण में फरार अन्य आरोपियों की क्राईम ब्राँच की टीम द्वारा तलाष की जा रही है। आरोपी शुभम ने पूछताछ में पुलिस टीम को बताया कि वह एक संगठित गिरोह
का सदस्य रहा है जोकि टेलीकाॅम कंपनियों के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करके उन्हें लाॅटरी खुलने का झूठा प्रलोभन देते थे बाद लाॅटरी में जीती हुई राषि प्राप्त करने हेतु लोगों से टैक्स, प्रोसेसिंग फीस, आदि के नाम पर मोटी रकम स्वंय के खातों में जमा कराकर जालसाली व धोखाधड़ी से आर्थिक ठगी करते थे। आरोपी ने बताया कि लोगों से ठगी गई राषि को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे, आरोपी ने खुलासा किया कि वह गिरोह के सदस्यों को, ठगी की राषि जमा कराने के लिये स्वयं का निजी बचत खाता उपयोग करने हेतु उपलबध कराता था जिसमें कई लोगों द्वारा इस प्रकार लाॅटरी खुलने के नाम पर धोखाधड़ी से पैसे जमा कराये गये हैं आरोपी इस प्रकार की ठगी की राषि के लेन देन के लिये खुद के खाते को उपयोग कराने के एवज में कमीशन भी लेता था।
आरोपी शुभम पिता रूपसिंह कक्षा 10 वीं तक पढ़ा है तथा अपने शोक पूरे करने के लिए ठगी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया गया। आरोपी आसानी से अधिक पैसा कमाने की लालच में इस प्रकार की आपराधिक गतिविधयों में अपने साथियों के साथ संलिप्त हो गया था। आरोपी शुभम ने बताया कि उसके अन्य साथियों ने घर बैठे पैसे कमाने के बारे में बताया था जिसमें उसे केवल स्वयं के बैंक खाते की जानकारी मुहैया करानी थी, प्रकरण के सहआरोपी ठगी की संपूर्ण प्रक्रिया को अंजाम देकर लोगों से ठगी की राषि आरोपी शुभम के खाते में जमा करवाते थे बाद आरोपी शुभम स्वयं के बैंक खाते से उक्त राशि आहरित कर, अन्य आरोपियों के बताये अनुसार अन्य खातों में जमा कराता था। आरोपी शुभम स्वयं के बैंक खातें को ठगी की राषि जमा कराने के लिये उपयोग करने के एवज में कमीशन के रूप मे अन्य आरोपियों से ठगी की राशि में से बराबरी का हिस्सा लेता था।
आरोपी शुभम अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक ठगी करने वाले बडे गिरोह का संचालन करता था तथा गिरोह के सदस्य टेलीकाॅम कंपनी आईडिया, एयरटेल, जिओ, वोडाफोन, आदि टेलीकाॅम कंपनी की ओर से लाखों रुपये का लकी ड्रा खुलने का लोगों को फर्जी मैसेज करते हैं उसके बाद जिन लोगों को मैसेज भेजा जाता था उन्हें संबंधित टेलीकाम कंपनी का कर्मचारी बनकर ये लोग फोन करते थे तथा लकी ड्रा में जीती गई राशि को पाने हेतु टैक्स, प्रोसेसिंग फीस, बैंक खाता की लिमिट बढ़ाने जैसे प्रलोभन देकर, हजारों रुपये खातों में जमा करा लेते थे। ये ठगी करने वाले गिरोह मध्यप्रदेश के कई शहरो इंदौर, नीमच, सागर आदि के अलावा अन्य प्रदेशों जैसे राजस्थान,छत्तीगढ, उत्तरप्रदेश के भी कई शहरों के लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम द्वारा इस प्रकार ऑनलाईन ठगी कर रहे गिरोहों तथा उनके पूरे नेटवर्क की लगतार पतारसी की जा रही है अतः टीम को निकट भविष्य में बढ़ी सफलता मिलने के आसार है।