लोकससभा चुनाव के लिए प्रचार सामग्री की दुकान सजाए बैठे लोग ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे है।
रवि , व्यापारी
इंदौरं। राजनीतिक दलों द्वारा अपने अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा ना किए जाने के कारण है। प्रचार सामग्री बेचने वालों ने लगभग हर राजनीतिक दल के प्रदेश कार्यालय के सामने अपना छोटा सा स्टाल भी लगाया हुआ है। जिस दल के कार्यालय के सामने स्टाल लगा हुआ है,सामग्री भी केवल उसी दल की बेची जा रही है। जबकि दुकानों पर प्रचार के लिए झंडे,डंडे से लेकर सीडी तक सभी कुछ उपलब्ध है। बड़े नेताओं के कट आउट दुकानों के बाहर हवा में झूल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रचार सामग्री की दुकानों पर राज्य स्तरीय नेताओं के कट आउट कहीं नजर नहीं आ रहे। कांग्रेस में सोनिया,राहुल हैं तो भाजपा में अटल-आडवाणी के साथ नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भी बड़े बड़े कटआउट नजर आ रहे है। समाजवादी पार्टी की प्रचार सामग्री में मुलायम सिंह यादव के साथ अमर सिंह को जगह जरूर मिली हुई है।लेकिन वही सबसे अधिक अखिलेश यादव के ही कट आउट नजर आ रहे है। वही प्रादेशिक पार्टियों की बात करे तो सपाक्स के भी कटआउट नजर आ रहे है। वही बसपा के कटआउट में मायावती नजर आ रही है। बात करे यो प्रदेश चुनाव प्रचार सामग्री निर्माण करने वाले एक व्यापारी ने कहा कि इंदौर में निर्मित सामग्री का देश के कई हिस्सो में चुनावी उम्मीदवारां द्वारा उपयोग की जाती है। इस बार मोदी और राहुल के साथ प्रियंका गाँधी के भी पोस्टरों ओर बैनरों की डिमांड है। वही रेट की बात करे तो इन दुकानों पर 10 रुपये से दो हजार तक के बैनर पोस्टर मिल रहे है। फिलहल इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियो की घोषणा नही की है जिसके कारण इंदौर के झंडे और बेनर व्यापारियों ने लाखों करोड़ों रुपये के बैनर और पोस्टर बनवा लिए है लेकिन अब उन्हें नुकसान के आसार नजर आ रहे है।