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CrimeMadhya Pradeshइंदौर

वाहन चोरी में हाफ सेंचुरी मारने वाला सचिन गिरफ्तार, कंजर गिरोह का चीफ़ पुलिस का लूप होल ढूंढ इंदौर भोपाल में चुराता गाड़ी, जिस बाइक की डिमांड आती वही चुराकर कस्टमर को देता

इंदौर पुलिस ने वाहन चोरी में लिप्त कंजर गिरोह के सरगना और उसके गुर्गे को गिरफ्तार किया है,  गैंग के दोनों आरोपी ऑन डिमांड पर बाइक चोरी करते थे। कस्टमर जिस कंपनी, मॉडल और हॉर्स पावर की बाइक की डिमांड करते, गैंग वही चुराकर दे देती। गैंग के लोग 100 किमी दूर पीपलरावां देवास से इंदौर तक बस या कार से चोरी करने आते थे।

 

एक साथ 8 से 10 गाड़ियां चुरा कर फरार ही जाते थे।पुलिस ने गुर्गे योगेश हाड़ा के बाद गैंग का मुख्या सरगना सचिन कंजर को भी गिरफ्तार कर लिया है।

 

दरअसल इंदौर पुलिस को लगातार दोपहिया वाहन चोरी की शिकायते मिल रही थी जिसपर पुलिस ने एक टीम तैयार कर आरोपियों को पकड़ने के लिए बनाई , वहीं पुलिस ने इंदौर शहर में हुई वाहन चोरी की घटना स्थल के फुटेज निकाले और अपने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया और आरोपियों के बारे में सारी जानकारी जुटाई और वाहन चोरी की घटना के चार थाना छेत्र खजराना तिलक नगर और विजय नगर और लसूड़िया में चेकिंग पॉइंट लगाए , चेकिंग के दौरान दो बाइक पर आ रहे चार लगो को रोकने  कोशिश की लेकिन बाइक सवार वहां से भाग निकले , पीछा कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया जिसने अपना नाम सचिन कंजर बतया, निवासी पीपलरावां देवास के कंजर डेरे का होना बतया।

 

पूछताछ में उसने बताया की इंदौर से अभी डेढ़ साल में 50 से ज्यादा  गाड़ियां चुराने की बात स्वीकार की है। उसने बताया कि उनका गिरोह चोरी की गाड़ियां गड्‌ढों या झाड़ियों में छिपा देता था। बाद में गैरेज संचालक और मैकेनिक को पांच से आठ हजार रुपए में पार्ट्स या पूरी बाइक बेच देते थे। डेरे से चोरी की 12 गाड़ियां भी पुलिस ने बरामद की  हैं। आरोपी सचिन की निशानदेही पर उसके गुर्गे योगेश को भी पुलिस ने गिरफ्तयर किया है, गिरोह के अब भी दस से ज्यादा बदमाश फरार हैं।

 

बदमाशों ने बताया कि सम्मत खेड़ी का एक बदमाश उन तक कस्टमर की डिमांड पहुंचाता था कि किस कंपनी की बाइक चाहिए। उसकी डिमांड पर ये लोग कार या बस से इंदौर आते थे। इन्हें पुलिस चेकिंग की भी पूरी जानकारी रहती थी, उनके हटते ही ये लोग शहर में एंट्री करते थे।

 

बाईट – राजेश रघुवंशी,डीसीपी

 

बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि वे इंदौर के अलावा भोपाल से भी गाड़ियां चुराते थे। दोनों शहरों से उनके गांव तक आने के लिए हाईवे का इस्तेमाल करते थे,  इससे उन्हें आने जाने में आसानी होती थी।

 

उनके निशाने पर नई गाड़ियां रहती थीं,गांव पहुंचते ही वे सबसे पहले गाड़ी का चेसिस नंबर और इंजन नंबर बदल देते थे और कुछ समय बाद  उसे ठिकाने लगा देते थे , फिलहाल पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की भी तलाश कर रही है।

 

ब्यूरो रिपोर्ट, भरती न्यूज।

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