अध्यात्म से लेकर टेक्नोलॉजी तक नए हिंदुस्तान का कोई प्रतीक है तो उसका नाम है इंदौर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इंदौर के दशहरा मैदान पर जनसभा को संबोधित किया। भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के समर्थन में आयोजित सभा में मोदी ने कहा कि मेरे स्वच्छता के सपने को इंदौर ने साकार किया है। वहीं कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अहंकार तीन शब्दों से प्रकट हो जाता है और वह शब्द हैहुआ तो हुआ।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आध्यात्म से लेकर टेक्नोलॉजी तक में नए हिंदुस्तान का कोई प्रतीक है तो उसका नाम इंदौर है। इंदौर का मैं आभारी हूं कि आपने मेरे एक आग्रह को गंभीरता से सफल बनाया और वह है स्वच्छ भारत अभियान। यह अभियान सामान्य नागरीकों तक पहुंचा है तो इसके हकदार इंदौर की जनता है। पिछले 5 सालों में इंदौर ने स्वच्छता की अगुवाई की है।
इंदौर से मेरा विशेष स्नेह इसलिए भी है क्योंकि यह ताई (सुमित्रा महाजन) का शहर है। 9 बार उन्हें शहर ने जीताया है। उन्होंने जिस कुशलता और संयम से संसद का कार्य चलाया है उसने अमिट छाप छोड़ी है। हमारी पार्टी में मोदी को भी कोई डांट सकता है तो वह ताई है। मुझे ताई के साथ संगठन में काम करने का मौका मिला। मैं इंदौर को यह विश्वास दिलाता हूं कि शहर के विकास में ताई जी की कोई भी इच्छा अधूरी नहीं रहेगी।
यहां इंदौर में ही सुपर कॉरिडोर सहित आईटी पार्क और बिजनेस पार्क है। यहां 5000 उद्योग चल रहे है। आज भारत मोबाइल बनाने में दुनिया के दूसरे नंबर का देश हो गया है। आपकों याद होगा कि विधानसभा चुनाव के दौरान एक नामदार यहां आकर कह गए थे कि मेक इन इंदौर और मेक इन मंदसौर मोबाइल बनाउंगा। और यहां की मीडिया ने उसे बहुत छापा भी लेकिन बाद में सब भूल गए। खैर कांग्रेस के लिए झूठ बोलना कोई नई बात नहीं है। उनका अहंकार तीन शब्दों में प्रकट होता है वह है हुआ तो हुआ।
मप्र की जनता पूछ रही है कि बिजली के बिल के बजाय बिजली की सप्लाई आधी क्यों हुई तो कांग्रेसी कहते हैं कि हुआ तो हुआ। यहां के कर्मचारी कहते हैं कि बेवजह मेरा ट्रांसफर क्यों हुआ और यह कहते हैं कि हुआ तो हुआइंदौर के मेरे प्यारे भाईयो और बहनो वंशवाद के पेड पर चढ़कर इन लोगों को पार्टी की कमान तो मिल सकती है लेकिन सोच और विजन नहीं िमल सकता। जब विजन नहीं होता है तो झूठ का सहारा लेना पड़ता है। कांग्रेस कहती है कि मोदी आतंकवाद का मुद्दा क्यों उठाता है आप बताईये उठाना चाहिए कि नहीं उठाना चाहिए।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2014 का चुनाव एंटी इनकंबेंसी का था। 2019 का चुनाव प्रो इनकंबेंसी का है। 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश चरम पर था 2019 में जनता का विश्वास चरम पर है। 2014 में देश ने मोदी और मोदी के काम के बारे में सिर्फ सुना था 2019 में देश मोदी के काम को जानने लगा है। 2019 का चुनाव केवल भाजपा नहीं लड़ रही है बल्कि भारतीय जनता लड़ रही है। 130 करोड देशवासी इस चुनाव का नेतृत्व कर रहे है
एक्सटेंशन।