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जयपुर

अब ट्रेन गार्ड कहलाएंगे ट्रेन मैनेजर, 116 साल बाद बदलेगा नाम

116 साल बर्फ रेलवे ने लिया ये फैसला। रेलवे गार्ड का बदलेगा नाम। जयपुर। ट्रेन संचालन में अपनी महत्ती भूमिका निभाने वाले देशभर के गार्ड का नाम रेलवे द्वारा बदला जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिये सैद्धांतिक सहमति दे दी है। गार्ड जल्द ही ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। जिसके बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।

ट्रेन संचालन  के साथ यात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर प्राथमिक चिकित्सा का जिम्मा ट्रेन मैनेजर के जिम्मे होगा। लंबे अरसे से नाम बदलने की मांग कर रहे देश भर के 28 हजार से अधिक गार्ड की मांग को रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। ईस्ट इंडिया कंपनी के समय रेलवे की शुरूआत के समय से ही ट्रेन का गार्ड पद सृजित किया गया था उसके बाद रेलवे ने कई उतार चढाव देखे और कई कर्मचारियों के पद नाम रेलवे द्वारा बदले गये,लेकिन गार्ड का पदनाम नहीं बदले गये थे।

गार्ड का नाम से ओहदा कम हो रहा था
गार्ड काउंसिल द्वारा निरंतर रेलवे बोर्ड के समक्ष इस मांग को रख रहे थे की रेलवे में अब गार्ड नाम का कोई औचित्य नहीं रह गया है। कारण रेलवे द्वारा  कई जगह गार्ड रखे गये है जिनमे निजी गार्ड ,होम गार्ड को भी गार्ड ही कहा जाता है। वहीं ट्रेन के गार्ड पर पूरी ट्रेन की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में ट्रेन के गार्ड के नाम बदलने की जरूरत है।इस पर रेलवे बोर्ड ने मांग को मान लिया है।

रेलवे के कई कर्मचारियों के नाम बदले गये
रेलवे द्वारा समय समय पर कई विभाग के कर्मचारियों के नाम बदले गये। जिसमे सबसे अधिक है गैंगमैन के बारहमासी से शुरू हुये आज ट्रेकमैन कहलाते है। वहीं ड्राइवर का नाम बदलकर लोको पायलेट, सहायक का नाम बदलकर असिटेंट लोको पायलेट, टीटीई के पद को अपडेट कर कप्तान कर दिया गया। इसी प्रकार अब रेलवे बोर्ड ने गार्ड का पद नाम बदलने की सहमति दी है। जिसमे मेल गार्ड  मेल ट्रेन मैनेजर, गुडस गार्ड  को गुडस  ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे।

पूरी ट्रेन का मालिक होता है गार्ड
रेलवे की व्यवस्था को देखे तो किसी ट्रेन में लोको पायलेट केवल इंजन का मालिक होता है यानी उसकी जिम्मेदारी केवल इंजन तक ही होती है, लेकिन गार्ड पर पूरे ट्रेन की जिम्मेदारी होती है।

मिलेगा मेडिकल प्रशिक्षण
रेलवे बोर्ड द्वारा गार्ड का पदनाम ट्रेन मैनेजर करने के साथ ही उन्हे मेडिकल प्रशिक्षण देगा। जिससे ट्रेन में यात्री की तबीयत बिगडने पर ट्रेन मैनेजर प्राथमिकी दे सके और यात्रियों को राहत मिल सके। अभी यात्री की तबीयत बिगडने पर आन काल चिकित्सक की सुविधा स्टेशन पर मिलती है।

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