आईजी से लेकर कांस्टेबल तक सड़कों और चेक नाकों पर, सख्ती से लेकर समझाइश तक की, लेकिन – नहीं मान रही जनता, इंदौर में भी मिले चार कोरोना मरीज़ कहीं लगाना न पड़ जाए कर्फ्यू
भारती न्यूज़ ग्राउंड रिपोर्ट महा कवरेज, संपादक डॉ सौरभ माथुर व वरिष्ठ संवादाता की इंदौर से विशेष रिपोर्ट
पलासिया चोराहे पर सघन चैकिंग, टी आई विनोद दीक्षित खुद मोर्चे पर मिले
मधुमिलन चौराहे पर मोर्चे का जायज़ा लेते एएसपी अनिल कुमार पाटीदार, बाइट
मधुमिलन चौरहे पर चेकिंग करते ग्वालटोली टी आई धर्मवीर सिंह नागर
एमआईजी चौराहे पर चैकिंग करते इंद्रेश त्रिपाठी
विजयनगर चौरहे पर सख्ती से निपटते टी आई तहजीब काज़ी
हाथ में लठ ले सघन चैकिंग करते सीएसपी विजय नगर अजय जैन व एएसपी राजेश रघुवंशी
बाइट, राजेश रघुवंशी एएसपी
इनोवा चालक सीएसपी अजय जैन को किसी से फोन पर बात करवाने कि चेष्ठा करता रहा लेकिन सीएसपी की सख्ती के आगे उसकी एक न चली
बाइट, पलासिया टी आई विनोद दीक्षित
बाइट, एमआईजी टी आई इंद्रेश त्रिपाठी
जूनी इंदौर टी आई, देवेन्द्र सिंह परिहार
Indore। लॉक डाउन के दूसरे दिन आईजी और डीआईजी ने पूरी पुलिस टीम को सख्त आदेश दिए थे की तलाश लॉक डाउन में कोई भी बेवजह घूमता पाया जाए तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए उसके वाहन को जप्त किया जाए वक्त धारा में एफ आई आर दर्ज की जाए।
लॉक डाउन दूसरे दिन यानी मंगलवार को भारतीय न्यूज़ के संपादक डॉक्टर सौरभ माथुर व वरिष्ठ संवाददाता अशोक रघुवंशी पूरे शहर की ग्राउंड रिपोर्ट देखने निकले, देवास नाके से लेकर मधुमिलन चौराहे तक हमारी टीम ने अलग-अलग चेक पोस्टों पर हो रही चेकिंग और जनता की प्रक्रिया को भी कैमरे में कैद करा, पूरी ग्राउंड रिपोर्ट में एक बात तो यह साफ नजर आई कि आईजी से लेकर कॉन्स्टेबल तक पुलिस का हर कर्मचारी सभी चेकिंग प्वाइंट व अन्य रास्तों पर मुस्तैद खड़े थे, शहर के सभी मुख्य चेकिंग पॉइंट्स पर खुद थाना अधिकारी मोर्चा संभाल कर चेकिंग कर रहे थे जब के विजय नगर चौराहे पर थाना अधिकारी सीएसपी एडिशनल एसपी तीनों ने जमकर मोर्चा संभाल रखा था और सभी वाहनों की सघन चेकिंग करते हुए हंस ट्रैवल की बस समेत दोपहर तक ही करीब 30 वाहनों को जप्त कर लिया था।
वहीं आगे चलकर एमआईजी चौराहे पर थानाधिकारी इंद्रेश त्रिपाठी लॉक डाउन का सख्ती से पालन करवाते नजर आए जिसमें उन्होंने देर शाम तक तकरीबन 60 वाहनों को जप्त कर लिया था, आगे बढ़ते वक्त पलासिया चौराहे पर थाना अधिकारी विनोद दीक्षित लोगों को समझा समझा कर थक चुके थे कि लॉक डाउन में सिर्फ आवश्यक वस्तु ही लेने बाहर जाया जा सकता है और वह भी भारी तादाद में नहीं सिर्फ घर से एक या दो लोग।
पलासिया चौराहे से होते हुए जब हमारी टीम इनकम टैक्स चौराहे पर पहुंची तो वहां चेक नाके पर सूरत से आए हुए एक ऑटो को रोका जो सूरत से सीधे राजस्थान के धौलपुर जा रहा था और इंदौर आते वक्त महाराष्ट्र समेत 5 जिलों को क्रॉस कर चुका था लेकिन आश्चर्य की बात यह थी की उस ऑटो को किसी भी राज्य में ना तो रोका गया और ना ही उनकी स्क्रीनिंग की गई, इस मामले पर जानकारी देते हुए चेक नाके पर मौजूद थाना अधिकारी जूनी इंदौर श्री देवेंद्र सिंह परिहार ने हमारी टीम को बताया की उक्त ऑटो चालक व उसमें बैठे उसके परिवार के पांच सदस्यों को तुरंत एम वाय अस्पताल भिजवाया गया जिसके लिए उनके ऑटो को पुलिस द्वारा एस्कॉर्ट किया गया ताकि वह रास्ते में किसी के संपर्क में भी ना आने पाए साथ ही थानाधकारी ने शहर के सीएमएचओ श्री प्रवीण जाड़ियां को इसकी सूचना फोन पर दे दी थी।
अगला चेक पोस्ट मधुमिलन चौराहे पर मिला और वहां भी सभी वाहनों की सघन चेकिंग की जा रही थी और वहां थानाधकारी छोटी ग्वालटोली धर्मवीर सिंह नागर चेकिंग करते हुए मिले और उन्होंने हमारी टीम को बताया कि किस तरह लोग लॉक डाउन में सिर्फ घूमने निकले हैं और कुछ लोग तो डॉक्टरों व फार्मा कंपनियों की फर्जी पर्चियां भी लेकर घूमते पाए गए हालांकि उन्होंने एक ऐसे युवक का भी जिक्र करा जिसने साफ तौर पर यह कबूला की वह वह शहर घूमने निकला है।
वहीं डीआईजी ऑफिस कार्यालय पर सन्नाटा पसरा नजर आया क्योंकि सभी अधिकारी सुबह से लेकर देर शाम तक फील्ड पर मौजूद थे तो रीगल स्क्वायर पर कुछ पत्रकार साथी कवरेज करने में जुटे हुए थे।
पूरे ग्राउंड रिपोर्ट में एक बात तो यह साफ हो गई कि आम जनता अभी भी यह समझने में लापरवाही कर रही है कि कोरोना जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए ही सरकार व प्रशासन ने लॉक डाउन का आदेश दिया है जिसमें सिर्फ आपातकाल की स्थिति में ही घर से बाहर निकलना चाहिए, पुलिस चेकिंग नाकों पर अधिकारी सुबह से ही मुस्तैद चिंतित नजर आए क्योंकि लोग डाउन के दिन भी अपेक्षा से ज्यादा लोग बिना किसी ठोस कारण के घर से बाहर निकले हुए थे, पूरी पुलिस टीम ने तकरीबन 400 से अधिक वाहनों को जप्त किया और साथ ही तकरीबन इतनी ही एफआईआर भी दर्ज कराई, इसमें कोई दो राय नहीं थी कि पुलिस की तरफ से मुस्तैदी या प्रयासों में कोई कमी रही हो हां इक्का-दुक्का जगह ऐसा देखने को मिला जहां पुलिस भी लोगों को समझाते समझाते थक गई लेकिन लोग नहीं माने जिसमें से मालवा मिल चौराहा कि शामिल था इसकी सूचना हमारी टीम ने क्षेत्र के एसपी यूसुफ कुरैशी को तुरंत फोन पर दी और उन्होंने उक्त जगह कार्यवाही करने के आदेश दिए।
बुधवार सुबह इंदौर में चार कोरोना मरीज़ पाए जाने से लोगों में देहशात फैल गई, चारो का इंदौर में बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
कल रात 8:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंततः देश को 21 दिनों के लाभ डाउन करने की घोषणा कर ही दी और क्यों ना करते इसके अलावा देश के पास कोई विकल्प भी नहीं है लेकिन अगर देश की जनता लॉक डाउन के नियमों की ऐसे ही धज्जियां उड़ाते रही तो उन्हें खुद कर्फ्यू का सामना करना पड़ेगा जिसमें सभी को खासा मुश्किल आएंगी, समझदारी इसी में है की लॉक डाउन में कोई भी घर से बाहर ना निकले अन्यथा कर्फ्यू लगाने के अलावा प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।