इंदौर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से नवजात की मौत, क्या नई सरकार से नहीं संभल रही स्वाथ्य सेवाएं ?
डॉ अशोक मालू , लाल अस्पताल इंदौर
इंदौर – मल्हारगंज थाना स्थित लाल असप्ताल में नवजात की मौत स्वास्थ मंत्री के ही शहर में ऑक्सीजन ओर एम्बुलेंस की कमी परिवार असप्ताल पर लगा रहे लापरवाही का आरोप बच्चा होते ही खून में लथपथ परिजन को थमाया ओर एमवाय ले जाने को कहा जिसके बाद डॉक्टर ने ऑक्सीजन न मिलने से मौत का कारण बताया नवजात की मौत।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सरकारी अस्पतालों की स्थिति देनी होती जा रही है आए दिन सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों के साथ अन्याय हो रहा है वही जिम्मेदार आंखें मूंदे तमाशा देख रहे हैं हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के ही अपने शहर इंदौर में ऑक्सीजन की कमी के कारण नवजात की मौत हो गई।
मामला लाल अस्पताल का है जहां बुधवार को गौरी नगर निवासी प्रीति बामन की डिलीवरी होने के बाद नवजात को ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एमवाय ले जाने को कह दिया। लापरवाह अस्पताल प्रबंधन ने खून से लथपथ बच्चे को परिजनों को ऐसे ही थमा दिया जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई। बच्चे को एमवाय ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई जैसे-तैसे एमवाय पहुंचे नवजात को वापस लौटा दिया गया। आक्रोशित परिजनों ने लाल अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया।
इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक डॉ अशोक मालू पर लापरवाही का आरोप लगाया परिजनों को कहना था कि रात में महिला को भर्ती करने के बाद डॉक्टर तक नसीब नहीं हुआ नर्स के भरोसे अस्पताल पड़ा रहा यहां तक कि प्रबंधक डॉ अशोक मालु ने फोन तक नहीं उठाए।
वहीं परिजनों ने यह भी बताया कि जब एमवाय गए तो वहां के डॉक्टरों ने यह तक कह दिया कि ऐसा कौन सा अस्पताल है जो नवजात को बिना ऑक्सीजन के यहां तक भेज दिया। अगर बच्चे को समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो वह जिंदा होता।
वहीं जब मीडिया कर्मियों ने अस्पताल प्रभारी डॉ अशोक मालू से इस मामले पर सीधे चर्चा की तो उनका लापरवाह रवैया रहा। उन्होंने बच्चे की डिलीवरी अस्पताल में होने तक से इंकार कर दिया और साफ तौर पर कहा कि यहां पर डॉक्टर ही नहीं है। और अस्पताल में कोई शिशु रोग विशेषज्ञ भी नहीं है ऑक्सीजन की भी कमी है।