इंदौर बारिश का आंकड़ा 50 पार, कान्हा नदी का आँचल आज भी काला
इंदौर: 20 सालो से इंदौर नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा। सांसद बीजेपी, प्रदेश सरकार बीजेपी। करोड़ो रुपये कान्हा सफाई और स्वच्छ जल ,सौंदर्यीकरण के नाम पर केन्द्र ओर राज्य सरकार से इंदौर नगर निगम को मिले। पूर्व सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी अपने कद का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार से कान्हा सफाई के नाम पर इंदौर नगर निगम को फायदा पहुचाया। इंदौर की जनता को बहुत सपने दिखाए गए। कान्हा के दोनों किनारों पर दुकाने बनाई गई। साफ जल में नाव भी चलाने योजनाए बनाई गई। लेकिन सवाल ये उठता है कि अधिकारियों ने वो कोंन सी एजेंसीया है जिन्हें 20 सालो से कन्हा सफाई का काम दिया। इसकी जाँच होना चाहिए ? आखिर क्यों कान्हा नदी को पैसे कमाने की खान बना दिया गया है। हर साल बरसात शुरू होने के पूर्व कई बड़े नेता तगाड़ी फावड़ा लिए कुछ संस्थाओ के साथ कान्हा नदी के किनारे सफाई करते दिखाई देते है। प्रिंट मीडिया में बड़े बड़े फोटो भी आते है। कान्हा में खड़ी सफाई करती हुई जेसीबी भी नजर आती है लेकिन वो क्या कारण है कि इतने सालों के बाद भी कान्हा नदी में मिलने वाले गंदे पानी के स्रोतों को अधिकारी बंद नही कर पाए। या जनता ये समझ ले कि जिस तरह बरसात के बाद पौधा रोपण के नाम पर संस्थाओ को करोड़ो रूपये की बंदरबाट होती है वैसे ही इंदौर प्रसासन ने बरसात पूर्व कान्हा नदी सफाई के नाम पर सालो से कमाई का रास्ता खोज रखा है। वर्तमान कांग्रेस सरकार जिस तरह घोटालो को जाँच कर रही है। इंदौर कान्हा नदी के नाम पर आज तक कितने रुपये खर्च किये गए।और वो कोंन कौन सी एजेंसीया या संस्थाएं है जिनके नाम पर करोड़ो की बंदरबाट सालो से चल रही है इसकी जाँच होना चाहिए और दोषियों के नाम सार्वजनिक होने चाहिए।
बाईट- अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़ इंदौर