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इंदौर में ‘हाईटेक जिस्मफरोशी’ चरम पर, बस गूगल सर्च कीजिये ‘फीमेल एस्कोर्स्टस’ और खेल शुरू हो जाएगा

  • दलालों के नंबर  खुलेआम मिल रहे है एक सर्च पर
  • सैकड़ों की संख्या में वेबसाइट भी जिसमे रेट से लेकर उनकी ‘विशेषताएँ’ भी
  • निडर होकर खुल्ले आम बात करते दलाल
  • वाट्सप्प पर हाय करते ही भेज देतें है एल्बम
  • निजी फ्लैट से लेकर पांच सितारा होटल में भेज देतें है लड़किया
  • 2 हज़ार से लेकर 70000  तक मॉडल, कॉलेज गर्ल्स से लेकर विदेशी महिलाओ तक, सब देने का वादा

इंदौर। शहर जितना बाहर से स्वच्छ है अंदर  से उतना ही गन्दा होता  जा रहा है , पूरे शहर को जिस्मफरोशी के हाईटेक गिरोह ने जकड रखा है जो निडर , बेबाक और बेशर्मी के साथ इंटरनेट के ज़रिये पूरे शहर में लड़किया सप्लाय कर रहे हैं , ऐसा सिर्फ तभी मुमकिन है जब पुलिस और प्रशासन की भरी अनदेखी हो ।

गूगल पर जाकर सिर्फ ‘फीमेल एस्कॉर्ट्स ‘ या ‘कॉल गर्ल्स इन इंदौर’ टाइप करने की देर है , कुछ ही सेकण्ड्स में पेज हज़ारों विज्ञापनों, वेबसाइट से भर जाता है जहाँ खुले आम दलालों के नंबर, लड़कियों की अश्लील तस्वीरें , उनके द्वारा दी जा रही ‘सेवाओं’ की  विस्तृत जानकारी सभी बहुत की नियोजित ढंग से पेश की हुई हैं।

कैसे काम कर रहा है पूरा रैकेट :

इंटरनेट के ज़रिये आसानी से नंबर मिलने के बाद खेल शुरू हो जाता है , फोन करते ही दलाल वाट्सएप्प नंबर पर हाय करने को कहता है , मैसेज मिलते ही वो 10 से 12 लड़कियों के एल्बम भेज देता है , रेट पूछने पर ऑडियो मैसेज भेज कर बता देता है साथ ही 25 % तक एडवांस के लिए बेधड़क होकर अपना पेटीएम नंबर के साथ अपना अकाउंट नंबर भेज देता है।

एडवांस प्राप्त होने के बाद ग्राहक के चुनाव के हिसाब से या तो होटल में या फिर लड़की डिलीवर करने के लिए एक नियत जगह पर बुला कर , लड़की संभलाकर बाकी  पैसा ले जाता है।

साथ ही इन लोगों का कुछ ऐसे होटलों से भी ‘टाई अप ‘ है जहाँ किसी कमरा नंबर में ये ग्राहक को आने के लिए कह देतें है और फिर वहीँ लड़की को पहुंचा देते हैं , ऐसे होटलों की लिस्ट में छोटे से लेकर कई बड़े होटल तक शामिल हैं।

पुलिस के बारे में पूछने पर ये बड़े आराम से कह देतें है ‘कोई डरने की बात नहीं है, हम सालों से ये काम कर रहे हैं, कुछ नहीं होगा।

इंटरनेट का खुले आम और जमकर इस्तेमाल :

गूगल पर रैंक करतीं किराये की वेबसाइट 

ये पूरा रैकेट इंटरनेट के माध्यम से चल रहा है , कई वेबसाइट जो गूगल पर ‘कॉल गर्ल ‘ इत्यादि डालने पर आ जाती हैं असल में ऐसे दलालों द्वारा दिल्ली , मुंबई से किराये पर लेकर चालयी जाती है।

इन वेबसाइट पर इनके द्वारा दी जाने वाली सेवाएं , इनके द्वारा परोसी जाने वाली लड़कियों की अश्लील तस्वीरें व बाकायदा रेट के साथ बनाया हुआ मेनू कार्ड लगा होता है जिससे ग्राहक को कोई परेशानी न हो

ऑनलाइन क्लासिफाइड विज्ञापन :

ये दलाल लोकांटो,शोक्का जैसी ऑनलाइन क्लासिफाइड विज्ञापन वेबसाइट का भी जमकर इस्तेमाल करते हैं जिसमे ये बड़े पेशेवर तरीके से अपनी हर खूबी को बताते है , और तो और इनके पास किस प्रकार की लड़कियां हैं , क्या विशेष सेवाएं दे रहें है , ये सब खुल के लिखा जाता है :

वाट्सएप्प के ज़रिये सारी डीलिंग :

एक बार फ़ोन पर बात होते ही ये दलाल वाट्सएप्प से Hi का मैसेज इनके दिए हुए नंबर पर भेजने को कहते हैं, मैसेज मिलते है ये साडी के शोरूम के तरह लड़कियों की तस्वीरों की नुमाइश तुरंत लगा देते हैं , रेट इत्यादि बातें ये वाट्सएप्प वौइस् मैसेज के ज़रिये भेज देते हैं साथ ही में बुकिंग अमाउंट के लिए पेटीएम नंबर और अपना खाता नंबर भी भेज देतें हैं :

होटलों , निजी फ्लैटों में होता है बाकी काम :

सूत्रों के अनुसार एक बुकिंग हो जाने पर ये दलाल ग्राहक द्वारा पसंद की गयी लड़की किसी मीटिंग पॉइंट पर ले आते हैं जहाँ बाकी का पेमेंट मिलने के बाद ग्राहक लड़की को लेकर अपनी मन पसंद जगह के लिए रवाना हो जाता है।

ग्राहक के पास जगह न होने की सूरत में दलाल होटलों में कमरे बुक करा देते हैं जहाँ इनकी पहले से ही ‘सेटिंग’ होती है , अन्यथा ये ग्राहक को निजी फ्लैट पर बुला कर भी ‘सुविधा’ दे देतें हैं।

शहर में कई जगह है इनके ‘वेयरहाउस ‘ :

इन दलालों के अड्डे जहाँ ये मुख्य्तः मुंबई, दिल्ली और बंगाल से ले हुई लड़कियों को रखते है पूरे शहर में भरे हुए हैं जहा ये ज्यादातर गर्ल्स हॉस्टल ठेके पर लेकर या अपार्टमेंट या फ्लैट किराये पर लेकर वहां लड़कियों को रखते है , सूत्रों के अनुसार ऐसे सबसे ज्यादा अड्डे  बंगाली चौराहे के पास होने की जानकारी है।

पड़ताल में सामने आया की ऐसे दलालों की संख्या शहर में सैकड़ों में हैं जो बिना किसी डर के खुल्ले आम जिस्मफिरोशी का ये हाईटेक धंदा कर रहे हैं और ये बिना पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के मुमकिन नहीं है.

इस मामले में हमने एसएसपी रूचिवर्धन मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया की अभी तक ऐसे मामले की जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन अगर ऐसे इनपुट्स मिलेंगे तो कार्यवाही की जाएगी :

‘  ऐसे मामलों की जानकारी अभी तक मुझे नहीं मिली है लेकिन अगर इनपुट्स होंगे तो कार्यवाही की जाएगी  ‘  – एसएसपी रूचिवर्धन मिश्र

हालाँकि चर्चा में उन्होंने ये भी कहा की गूगल पर हर चीज़ ढूंढ़ने से मिल जाती है और  अगर देखेंगे तो  देश के बाकी शहरों में भी ऐसा हो रहा होगा, लेकिन  अगर हम  ये  सब इंटरनेट की दुहाई देकर  अपनाने  लगेंगे/अनदेखा करेंगे  तो फिर  गूगल पर एक दिन अवैध हथियार , प्रतिबंधित नशे इत्यादि भी इसी तरह आराम से मिलने लग जाएंगे, तब हम क्या कहेंगे ?

ये सब जानते हैं की जिस्मफरोशी अपने साथ और कई गंभीर अपराध जैसे नशा, तस्करी, जुआ , हत्या इत्यादि लेकर आती हैं जिससे शहर में इनकी जड़ें अंदर तक इतनी गहरी हो जाएगी की इनको उखाड़ फेंका बहुत मुश्किल हो जाएगा , इस पूरी पड़ताल में कुछ गंभीर सवाल पुलिस और प्रशासन के लिए खड़े कर दिए हैं :

१) जब गूगल पर एक शब्द डालते ही पूरा मामला खुल जाता है ऐसे में साइबर क्राइम या क्राइम ब्रांच का ध्यान अब तक ऐसे मामलों पर कैसे नहीं गया ? कैसे लोकल थानों या बीट अधिकारियों को इनके अड्डो की जानकारी नहीँ मिली ?

२) जहाँ शहर में नशे , हत्या जैसे अपराध पड़ताल में आये तो अब तक किसी भी मामले के तार इन दलालों तक नहीं पहुंचे ?

३) काफी लबे समय पहले ऐसे ही एक दलाल का भांडा पुलिस ने फोड़ा था तो उसके बाद मामले की तफ्तीश आगे तक क्यों नहीं हुई ?

जिस प्रकार से इस धंदे का जाल पूरे शहर में फ़ैल चूका है , डर सताने लग गया है की कहीं सफाई के लिए मशहूर इंदौर किसी और वजह से भी पूरे देश में मशहूर न हो जाए।

 

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