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Madhya Pradesh

एटीएम के रुपये ब्याज पर चलाने वाला कर्मचारी गिरफ्तार, 21 लाख की हेरफेरी : इंदौर के परदेसीपुरा पुलिस की कार्यवाही

बाईट- डॉ. प्रशांत चौबे, ASP

इंदौर की परदेशीपुरा पुलिस ने ऐसे गिरोह को पकड़ने में सफलता हांसिल की है जो एटीएम में रूपये डालने की आड़ में उसमे से रूपये चुराकर उन्हें ब्याज पर दे देते और बाद में उन रुपयों को फिर से एटीएम में डाल देते, पिछले दिनों एसबीआई के एक एटीएम से 21 लाख 36 हजार रूपये चोरी होने के बाद यह गिरोह पकडाया है,फिलहाल 1 आरोपी को गिरफ्तार कर उससे साढ़े 5 लाख रूपये बरामद किये गए है, अन्य आरोपी की तलाश जारी है.

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के क्लर्क कॉलोनी स्थित एटीएम से 21 लाख 36 हजार रूपये चोरी होने की शिकायत बैंक के अधिकारियो ने की थी, इसकी जाँच करने पर पुलिस ने पाया कि इस एटीएम में एसआईएस एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा कैश डालने का काम किया जाता है,इसकी जाँच करने पर पुलिस ने यह भी पाया कि यह एटीएम लम्बे समय से बंद था, जबकि इसमें डाले गए 21 लाख 36 हजार रूपये ग्राहकों द्वारा न निकाले जाकर इसमें से गायब हो गए.

मामले की जाँच में जुटी टीम ने एसआईएस कंपनी के अधिकारियो से पूछताछ की तो पता चला कि इस एटीएम में विजय जिनवाल और अंकित सोलंकी रूपये डालने का काम करते है,जब पुलिस ने दोनों  की तलाश की तो दोनों फरार मिले।

इनकी तलाश में जुटी पुलिस की टीम ने विजय जिनवाल को शहर छोड़कर जाते समय धरदबोचा और उसके पास से साढ़े 5 लाख रूपये बरामद कर लिया,पूछताछ में विजय ने कबूला कि उन्होंने कैश एटीएम में डालने के स्थान पर अपने पास रख लिया और इस रूपये को उन्होंने ब्याज पर चला दिया, वह पहले भी ऐसा करते रहे है और बाद में उन रुपयों को वापस एटीएम में डाल देते थे।

आगे पूछताछ में पता चला कि चुराए गए 21 लाख 36 हजार रूपये में से विजय ने 10 लाख बाकी अंकित ने अपने पास रखे थे, इन दोनों के पास शहर के 27 एटीएम में रूपये डालने की जिम्मेदारी थी,ऐसे में आशंका है कि इन दोनों ने उन एटीएम में भी इसी तरह की धांधली की होगी।

एटीएम मशीन के बारे में पता करने पर पुलिस ने पाया कि हर बार इसमें रूपये लोड करने से पहले हेड ऑफिस से एक ओटीपी जनरेट होता है, उसके बाद ही कैश ट्रे खुलती है  लेकिन ये दोनों ओटीपी लेने के बाद कैश ट्रे में रूपये लोड नहीं करते और मेन्युअली रुपयों की एंट्री सिस्टम में कर देते थे,इन दोनों ने अपनी चोरी छिपाने के लिए एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरा और एटीएम में लगे कैमरा में छेड़छाड़ की है.

बड़ी बात यह है कि आरोपी विजय पहले भी एटीएम से रूपये चोरी करने के आरोप में पकड़ा जा चूका है,इसके बावजूद कंपनी ने उसे वापस काम पर रख लिया, इससे आशंका जताई जा रही है कि कंपनी के आला अधिकारी भी इसमें मिले हुए है, वही हैरान करने वाली  जानकारी यह है कि इन एटीएम को 5 अलग अलग एजेंसी संचालित करती है, इस वजह से इन रुपयों की मोनिटरिंग करना किसी के लिए संभव भी नहीं था।

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