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Crimeइंदौर

एडवाइजरी के नाम पर हो रही धोकाधड़ी में एसएसपी का रुख साफ और सख्त, भारती न्यूज़ को बताया कि सेबी से मिली सूची और सूचनाओं के तहत रजिस्टर्ड औऱ गैर रजिस्टर्ड एडवाइजरी पर निरंतर होगी कर्यवाही

एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र

इंदौर। शहर में एडवाइजरी के नाम पर हो रही धोकाधड़ी के मामले में अभियान ने तेज़ी पकड़ ली है, कल एक साथ दो एडवाइजरी पर मारा छापा जिसमे से एक बोरिया बिस्तर समेत भागने के चक्कर में था।

कल एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए भारती न्यूज़ को बताया कि वो सभी कम्पनी चाहे वो सेबी रजिस्टर्ड हो या गैर  रजिस्टर्ड, फर्ज़ीवाड़े करने वालों पर इसी तरह कार्यवाही की जाएगी, सेबी से भी एक सूची प्राप्त है और पत्राचार के माध्यम से भी ऐसी सभी कंपनियों की मिली शिकायतों पर कार्यवाही की जाएगी, एसआईटी इन सभी मामलों में सख़्ती से निपटेगी।

कल हुई कार्यवाही में पुलिस ने एडवाइजरी के ऑफिस में जो भी मिला उसे थाने ले आयी, कल देर रात विजयनगर थाने में उन सभी के परिजनों का तांता लगा रहा।

कल पड़े छापे का वृस्तृत विवरण :

*ऽ 5 अपराधों में फरार आरोपी को पुलिस ने पकडा*
*ऽ कंपनी के द्वारा सेबी के सभी नियमो का उल्लघंन*
*ऽ सेबी में ways to star / ways to capital के विरुद्ध भी लगभग 537 से अधिक शिकायतें।*
*ऽ 5 करोड से अधिक की ठगी कर चुका है आरोपी*
*ऽ बार-बार कंपनियों के नाम बदलकर आमजनता से करता था ठगी*
*ऽ बोरिया बिस्तर समेटने के पूर्व दबोचे गये*
*ऽ जगह बदलने की थी योजना पुलिस ने की फेल*
*ऽ market captain पर भी छापामार कार्यवाही।*
*ऽ 200 के लगभग कर्मचारियों की है कंपनी।*
*ऽ दंपति से ठगे 23 लाख ।*
*ऽ आवेदक अमित पटेल को मुनाफे का लालच देकर ठगा16,94,966/- रूपये।*
*ऽ फिर पत्नि के नाम से 7,15,000/- रूपये ठग लिये*
*ऽ एसआईटी टीम को 12 से अधिक लोगो की मिली थी शिकायतें*
*ऽ किसान एवं गरीब लोगो को लालच देकर बनाते थे अपना ग्राहक*
*ऽ 10 लाख से अधिक नागरिको को किया ठगी के लिये काॅल*
*ऽ 50 हजार से अधिक क्लाइट बने ठगी के शिकार*
*ऽ डिमेट का डाटा लेकर*
*ऽ लडकियों के नाम से सोशल मीडिया पर बनाकर लेते थे लोगो के मोबाईल नम्बर*

थाना विजय नगर पर एडवायजरी के खिलाफ इन्दौर पुलिस की एडवायजरी के खिलाफ बडी कार्यवाही करते हुये मार्केट कैप्टन एवं कंपनी ways to star / ways to capital द्वारा 7 करोड के लगभग ठगी कर पुलिस को कर रहा था गुमराह करने वाले आरोपियो को पुलिस ने धर दबोचा की कार्यवाही प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कार्यालय मे पूछताछ जारी ।

विपुल नामदेव, जगबीर सिंह, मोईन कुरैशी, आदिती तिवारी प्रणय गुप्ता, मुरारी प्रसाद, राजाराम यादव, वसीम अकरम, राजेन्द्र जाट, श्यामलाल पिता बाबूलाल, कृष्णा यादव एवं अन्य आवेदकों द्वारा *ways to star / ways to capital कंपनी एवं Market captain की शिकायत की* गई थी।
उनके द्वारा अवगत कराया गया था, कि कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पहले फोन कर उनसे बातचीत की गई फिर रजिस्टेªशन के नाम पर 7 हजार के लगभग राशि कंपनी के खातों एवं निजी खातों में जमा करवाई गई जिसके बाद दबाव बनाकर लगभग 4 करोड से अधिक राशि प्राप्त की गई । पुलिस द्वारा प्रकरण संज्ञान में लेते हुये जांच प्रारंभ की गई जिसमें संज्ञान में आया है कि आरोपी निशांत चतुर्वेदी निवासी देवास द्वारा चेतन शुक्ला निवासी मुम्बई के साथ मिलकर शगुन टाॅवर में एडवाईजरी कंपनी खोली गई, इसके पहले निशांत चतुर्वेदी द्वारा हाइब्रो रिसर्च कंपनी के नाम से कंपनी खोली गई थी, जिसमें नियमों के विरुद्ध चलाने पर सेबी द्वारा ब्लेक लिस्ट कर दिया गया था,जिसके बाद उसके द्वारा अन्य कंपनी खोली गई । जिसमें भी आमजनता के साथ ठगी करने एवं ग्राहकों को दो गुना पैसे करने की लालच लेकर पैसे ठगने की कार्यवाही की जा रही थी।

सेबी में इन कंपनियों के विरुद्ध भी लगभग 600 से अधिक आवेदकों द्वारा शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है । पुलिस के संज्ञान में आने पर थाना विजयनगर में अप.क्र. 910/18, 911/18, 912/18, 569/19 एवं 595/19 के अपराध पंजीबद्ध कर जांच की जा रही थी किन्तु कंपनी के मालिक आमजनता को डरा धमका कर समझौते कर रहे थे ।

पुलिस को सूचना प्राप्त होने परways to star / ways to capital कंपनी से संबंधित व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया ।
1. मालिक निशांत चतुर्वेदी पिता भुपेश चतुर्वेदी निवासी 103 हर्षदीप ऐवेन्यु विजयनगर स्थाई पता 377 इन्कम टैक्स आफिस कालोनी देवास
2. आशीष पिता मोहनलाल यादव निवासी 7/2 साउथ तुकोगंज स्ट्रीट न. 3 इन्दौर
3. अनूज पिता दीपक व्यास निवासी 61 प्रेमनगर पार्ट-2 देवास
4. रवि पिता मदनलाल गौर निवासी ग्राम मोरोद तेजाजीनगर के पास,
5. अक्षय पिता महेश वर्मा निवासी 71 चितवाद इन्दौर को हिरासत में लिया गया ।
वर्तमान में कंपनी के विरुद्ध 5 अपराध पंजीबद्ध होने के बावजूद गुपचुप रूप से कंपनी चलाते पाये गये।
इसी प्रकार मार्केट कैप्टन के कर्मचारियों द्वारा आवेदक अमित पटेल को दिनांक 23.7.2018 से दिनांक 10.5.2019 तक मुनाफे का लालच देकर 16,94,966/- रूपये फिर पत्नि के नाम से 7,15,000/- रूपये ठग लिये । अमित पटेल द्वारा बताया गया कि वे साधारण परिवार से है, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पैसे डुबने का डर दिखाकर हमेशा पैसो की मांग करते रहे, जिसके आधार पर थाना विजयनगर में अप.क्र. 698/19 पंजीबद्ध किया गया था, इसके बावजूद आज दिनांक को कंपनी पर छापामार कार्यवाही की गई, जिसमें 60 से अधिक कर्मचारी अन्य लोगो को फोन कर नये ग्राहक बनाते पाये गये । पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है तथा गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है । पूछताछ के दौरान अन्य घटनाओं एवं ठगी की जानकारी प्राप्त होगी ।

195 कर्मचारियों की कंपनी में पुलिस द्वारा छापा मारा गया, इनसे पूछताछ की गई ।
क्र थाना अप.क्र. धारा आवेदक कंपनी
1 विजयनगर 910/18 420,406,34 भादवि आशीष मकाती वेज टु कैपिटल
2 विजयनगर 911/18 420,406,34 भादवि उमाशंकर शर्मा वेज टु कैपिटल
3 विजयनगर 912/18 420,406,34 भादवि विनायक मेटकर वेज टु कैपिटल
4 विजयनगर 569/19 420,406,417 भादवि सोनिया अनेजा वेज टु स्टाॅर
5 विजयनगर 595/19 420,406 भादवि एवं म.प्र. संरक्षण अधि. वसीम अकरम वेज टु कैपिटल
7 विजयनगर 698/19 420,406, 34 भादवि अमित पटेल मार्केट कैप्टन

ग्राहको को एडवाईजरी कंपनियों के कर्मचारियो द्वारा फ्री ट्रायल काॅल कर संपर्क किया गया था । मोबाईल नम्बर का डाटा कंपनी ने अनाधिकृत रूप से चोरी से प्राप्त किया मुझे फर्जी कर्मचारी बन कर काॅल किये गये उन नम्बरो की जानकारी कंपनी के कस्टमर काॅलर डेटा से प्राप्त की जा सकती है। कंपनी द्वारा मोबाईल नम्बरो के माध्यम से अपनी पहचान छुपाते हुए अपने को एडवायजरी कंपनी बताते हुए मात्र एडवायजरी हेतू संपर्क किया गया था परन्तु बाद मे आवेदक को डरा धमका कर और धोखे से निवेश के नाम पर रूपये हडप लिये। इसके पश्चात कपंनी द्वारा पहली बार मे ही आवेदको से सलाह के नाम पर रूपयो की मांग की गई।

मेरे द्वारा रूपया जमा करवाने के पश्चात हर बार मुझसे खाते मे रूपया जमा करवाया जाता रहा है । और कुल लाखो रूपये लेकर कोई लाभ नही दिया गया। आवेदकों ने अपने रूपयो की माॅग की तो हर बार शेयर ट्रेडिग कर दुगना लाभ दिलवाने का अश्वासन दिया और रूपये जमा कराते रहे।

कंपनी ने ग्राहकों से आधार और पेन कार्ड के जरिये बिना जानकारी के ग्राहकों के नाम से फर्जी के.वाय.सी मेरे दस्तावेजो का दुरूपयोग कर फर्जी हस्ताक्षर करके किया गया है। इसकी जानकारी कंपनी के कम्पयुटरो से प्राप्त की जा सकती है। कंपनी द्वारा नियम विरूद्व निश्चित लाभ दिलवाने का आशवाशन दिया गया था जबकि ऐसा करना संभव नही है और यह नियम के विरूद्व है, यह बात भी कंपनी द्वारा ग्राहको से छुपाई गई और मुझे झुठा आश्वासन देकर ग्राहको से रूपया प्राप्त किया गया है। कंपनी के द्वारा ग्राहको से संपर्क करने के पूर्व मेरी क्षमता एंव जोखिम रूप रेखा के संबध मे किसी प्रकार की जाॅच नही की गई और बिना जाॅच किये ही ग्राहकों के टेªडिंग के नाम पर रूपया लिया गया है। कंपनी के द्वारा सेबी के सभी नियमो का उल्लघंन करते हुए उक्त कार्य किया गया है ।

 

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