एडीजी के निर्देशानुसार चलाये जा रहे ऑपरेशन ‘उजागर’ ने खोला 3 साल पहले हुई ह्त्या का राज़, चंद्रवतीगंज थाने को मिली सफलता
प्रेस नोट
“ऑपरेशन उजागर” में एक और महत्वपूर्ण सफलता
“थाना चंद्रावतीगंज के तीन साल पुराने प्रकरण को सुलझाया”
इन्दौर – इन्दौर दिनांक 13 अक्टूबर, 2019 श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन व्दारा सम्पूर्ण जोन में चलाये जा रहे “फाईल बंद” हत्या के प्रकरणों को सुलझाने की मूहीम “ऑपरेशन उजागर” में एक और महत्वपूर्ण मिली है। दिनांक 17/04/2016 को थाना चन्द्रावतीगंज में घटित जघन्य़ हत्याकांड को श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन व्दारा गठित की गई “विशेष जाँच टीम” ने सफलता-पूर्वक सुलझा लिया है और इस घटना में लिप्त़ तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, ऑपरेशन उजागर” की इस नवीनतम सफलता की जानकारी देते हुए श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन ने बताया कि थाना चन्द्रावतीगंज में घटित मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल की हत्या के संबंध में मुखबिर व्दारा सूचना प्राप्त़ हुई कि उसी गाँव के निवासी, एक अन्य़ नायता पटेल परिवार के व्दारा इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस सूचना पर श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन ने “विशेष जाँच टीम” को इसकी तस्दीक करने हेतु निर्देशित किया। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य़ परत-दर-परत पुलिस दल के सामने आते गये जिससे अंतत: यह जघन्य़ हत्याकांड सुलझाया गया, श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन ने आगे बताया कि थाना चन्द्रावतीगंज में नायता पटेल परिवारों में घटना से एक वर्ष से अधिक अवधि से जमीन संबंधी विवाद चल रहा था। छीतू पटेल के परिवार की जमीन मांगू पटेल के परिवार की जमीन के पीछे स्थित थी। छीतू पटेल व उसके बेटे अपनी जमीन पर कॉलोनी का निर्माण करना चाहते थे परन्तु आगे स्थित मांगू पटेल की जमीन से होकर उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा था। इस बाबद दोनों परिवारों में विवाद था, जो स्थानीय तहसील कार्यालय तक पहुँच गया था। तहसील कार्यालय में कई बार दोनों परिवारों में इस मुद्दे को लेकर विवाद भी हुआ था। इस हत्या की घटना से लगभग एक माह पूर्व इस विवाद ने गम्भीर रूप तब धारण कर लिया था, जब छीतू पटेल का बेटा रईस, अपने साथ अनवर नामक व्य़क्ति को लेकर आया और मांगू पटेल को घर में यह कहते हुए धमकाया कि वे तत्काल उन्हें रास्ता प्रदान कर दें अन्यथा जो खंबे मांगू पटेल अपनी जमीन में गाढ रहा है वह उनको उखाड भी देगा और मांगू पटेल को उस जमीन में गाढ भी देगा। अनवर पटेल, थाना कानवन क्षेत्रांतर्गत मुरडका का निवासी था और पूर्व में भी छीतू पटेल के परिवार के लिए लोगों को धमकाने, चमकाने का कार्य करता आया था। अनवर पटेल का क्षेत्र में आतंक था और उसका एक भाई अरबअली, हत्या के प्रकरण में जेल में निरूध्द़ है और दूसरे भाई अय्यूब पटेल की हत्या हो चुकी है। अनवर पटेल के माध्य़म से रईस व्दारा दी गई धमकी के बाद भी जमीन का विवाद सुलझ नहीं रहा था। इस पर रईस ने और जघन्य़ कदम उठाने की बात मन में ठान ली थी, इसके उपरांत रईस पिता छितू पटेल ने चंद्रावतीगंज के ही एक कुख्यात आरोपी शाकिर पिता एहमदनूर से सम्प़र्क किया, जिसकी सुपारी लेकर लोगों पर हमला करने की शोहरत थी । शाकिर पिता एहमदनूर पर पूर्व में हत्या, लूट, अवैध शस्त्र रखने आदि के 8 गम्भीर प्रकरण भी दर्ज थे। शाकिर से रईस ने मांगू पटेल को रास्ते से हटाने की बात की । इस काम के लिए शाकिर ने पचास हजार रूपए कीमत मांगी थी, जो कुछ समय बाद रईस ने उसको प्रदान किए थे । इसके बाद रईस, अनवर एवं शाकिर ने मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल उम्र 65 साल निवासी धर्माट रोड, चंद्रावतीगंज की हत्या करने की योजना बनायी। अब अवसर को देखकर इन आरोपियों की इस जघन्य़ कांड को अंजाम देने की पूरी तैयारी थी और घटना वाली शाम को तीनों आरोपी चंद्रावतीगंज में मिले। उन्हें यह मालूम था कि प्रत्येक रात्रि में मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल अपने खेत में बने मकान में जाकर सोता है तो उन्होंने घटना को देर रात्रि में खेत के मकान में ही अंजाम देने की योजना बना ली थी। देर रात्रि में तीनों आरोपी मोटर सायकिल से मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल के खेत के मकान में पहुँचे और बाहर से आवाज देकर कहा “मांगू मामा दरवाजा खोलों” यह आवाज सुनकर मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल ने किंवाड खोल दिया। जैसे ही दरवाजा खोला गया, वैसे ही अनवर ने व्हील पाने से मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल के सर पर 2 वार किये जिससे वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गया था उसके बाद में शाकिर ने अपने गमछे से उसका गला घोंट दिया । इस दौरान अनवर एवं रईस ने उसके हाथ पीछे से पकड रखे थे। इसके थोडी देर बाद मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल की मृत्यु हो गई और यह घटना लूट की है, ऐसा सिध्द करने के लिए तीनों आरोपी मृतक मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल की बिना नंबर की नई मोटर सायकल को लेकर घटना स्थ़ल से फरार हो गये । आरोपीगण मोटर सायकल पर सवार होकर चंद्रावतीगंज से हातोद रोड पर कुछ दूर गये और फिर सुनसान इलाके में मृतक की मोटर सायकल फेंक दी और मोटर सायकल में रखे हुए मृतक मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल के ड्रायविंग लायसेंस को अपने साथ ले गये । मृतक की मोटर सायकल नयी थी इसलिए उस पर नंबर भी नहीं था, इस प्रकार विशेष जाँच दल व्दारा की गई सटीक जाँच उपरांत उन्होंने जब शाकिर पिता एहमद नूर उम्र 35 साल, निवासी जलोदिया खेडा थाना गौतमपुरा को हिरासत में लिया तब उसने उपरोक्त़ सम्पूर्ण घटनाक्रम उगल दिया था। इस पर तत्काल कार्यवाही करते स्थानीय पुलिस के सहयोग से पुलिस दल व्दारा अन्य़ आरोपी रईस पिता छितू पटेल उम्र 32 साल निवासी धर्माट रोड, चंद्रावतीगंज एवं अनवर पिता हुसैन पटेल जाति नायता उम्र 49 साल, निवासी मुरडका थाना कानवन जिला धार को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त़ व्हील पाना व अन्य़ सामग्री तथा मृतक मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल का ड्रायविंग लायसेंस भी आरोपी से बरामद किया है, परन्तु इस जघन्य़ हत्याकांड का खुलासा यहीं खत्म़ नहीं हुआ। इसमें कई और मोड भी आये जिसने इस हत्याकांड को और भी रोचक बना दिया है। इस जानकारी के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य़ बताते हुए श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन ने बताया कि पुलिस विवेचना के दौरान शाकिर का नाम संदेहियों में आ रहा था तब अपने आपको निर्दोष साबित करने के लिए शाकिर ने एक अन्य़ चाल चली। उसने फरियादी पक्ष से सम्प़र्क किया और मृतक मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल के बेटे छोटू पिता मांगीलाल पटेल, जाति नायता निवासी धर्माट रोड, चंद्रावतीगंज को यह कहानी गढ कर सुनायी कि उसके मित्र सरदार पठान, जो कि मंदसौर में रहते हैं, उसके हाली ने सरदार को आकर यह बताया कि खेत में जब वह काम करता था तब उसे 2 व्य़क्ति मिले थे जिन्होंने यह बताया था कि चंद्रावतीगंज में जघन्य़ हत्या उन्होंने की और मांगू उर्फ मांगीलाल पटेल नामक व्य़क्ति को मौत के घाट उतारा था। शाकिर ने फरियादी के पुत्र को यह भी बताया कि वह उन्हें मंदसौर ले जाकर इन लोगों से और विस्तृत जानकारी दिलवा सकता है। शाकिर की इस बात पर विश्वास करके छोटू एवं उसके एक साथी के साथ वह मंदसौर गया था, जहां उन्हें सरदार पठान मिला था। वहां पर सरदार पठान ने उन्हें यह भी बोला कि चंद्रावतीगंज की पुलिस तो उनकी समुचित मदद नहीं कर पाई परन्तु मंदसौर में उनको क्राईम ब्रांच के एक अधिकारी की जानकारी है जो उनकी पूरी मदद करेगा। ऐसा कहते हुए उन्होंने एक व्य़क्ति को वहां पर बुलाया, जो दिखने में पुलिस अधिकारी की तरह प्रतीत हुआ था और उसने सारी बातें नोट भी की और पूरी मदद करने का आश्वासन भी दिया। इस पूछताछ के बाद छोटू वापस अपने गाँव आ गया था और प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही का इंतजार करने लगा। इसके बाद जल्द़ ही शाकिर एवं क्राईम ब्रांच के उस कथित पुलिस अधिकारी ने छोटू से पैसों की मांग की और विभिन्ऩ किश्तों में लगभग दो लाख अस्सी हजार रूपए छोटू ने उनको दिये, परंतु छोटू को उनसे कोई मदद नहीं मिली एवं थोडे दिन बाद सरदार एवं तथाकथित पुलिस आफिसर ने अपने मोबाईल फोन बंद कर लिये थे। इस प्रकार उनसे भी पता चलने की उम्मीद खत्म़ होने के बाद फरियादी पक्ष भी चुप हो गया था। इस प्रकार शाकिर ने न केवल अपनी उपरोक्त़ हत्याकांड में संलिप्तता नहीं होने का प्रमाण फरियादी पक्ष को करा दिया अपितु भारी मात्रा में धनराशि भी उनसे एंठ ली थी। इस तथ्य़ की भी विशेष जाँच दल ने जाँच की तो पता चला कि तथाकथित पुलिस अधिकारी वास्त़व में कोइ फर्जी व्य़क्त़ि था और असल व्य़क्ति तक पहुंचने की कार्यवाही पुलिस कर रही है,अंत में श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन ने बताया कि इस प्रकार जघन्य़ हत्याकांड, जो कि किन्हीं कारणों से फाईल बंद हो गया था, उसे सुलझा कर “विशेष जाँच दल” ने महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। “विशेष जाँच दल” के प्रभारी अधिकारी श्री रीतेश नागर, उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र मिश्रा की सराहनीय एवं प्रशंसनीय भूमिका रही और उन्हें इस हेतु पुरस्कृत भी किया जायेगा। जाँच दल में सम्मिलित आरक्षक जयवंत एवं आरक्षक चालक शुभम राठी के व्दारा भी मेहनत एवं लगन से कार्यवाही की है। इस नवीनतम सफलता के साथ श्री वरूण कपूर, अतिरिक्त़ पुलिस महानिदेशक, इन्दौर जोन के व्दारा अपनी विभिन्ऩ पूर्व पदस्थापनाओं में चलाये गये “ऑपरेशन उजागर” के अंतर्गत अभी तक 105 हत्या के फाईल बंद प्रकरण सुलझाये गये हैं और आगे भी सम्पूर्ण जोन में ऐसे प्रकरणों को सुलझाने की मूहीम जारी रहेगी ऐसा आश्वासन भी दिया गया है।