एसएसपी ने ख़ुद हनी ट्रैप आरोपियों से पूछताछ की, पलासिया टीआई को नारकोटिक्स के किसी मामले के हवाले से किया लाइन अटैच, अब ज़्यादातर जाँच एटीएस के पास
हनीट्रैप मामले में जांच में शामिल पलासिया थाना प्रभारी अजीत सिंह बैस को इंदौर एसएसपी ने लाइन अटैच कर दिया, हड़कंप मचाने वाले हनीट्रैप जैसे गंभीर मामले की जाँच के दौरान थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करना कई सवाल खड़े करता है अधिकारी भले ही इस कार्यावाही को कुछ और संदर्भ में बता रहे हो लेकिन यह कार्यवाही भोपाल और इंदौर कनेक्शन के बीच की कहानी की कार्यवाही है
शनिवार दोपहर पुलिस के बडे अधिकारी महिला थाने पहुंचे और आरोपियो से पुछताछ की, हनी ट्रैप का मामला इतना बड़ा हो चुका है।कि अब ज्यादातर जांच इंदौर पुलिस के हाथों से निकलकर एटीएस के पास आ चुकी है।पुलिस रिमांड के दौरान आरती दयाल और मोनिका यादव से 48 घंटे से ज्यादा की पूछताछ हो चुकी है।इस दौरान मोनिका यादव खुद को बेकसुर साबित करने में लगी हुई तो आरती दयाल ने कई राज उगले है।लेकिन गठजोड़ से जुड़ी भोपाल से गिरफ्तार तीनों युवतियां जेल में है।जिनकी जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।लेकिन इनकी जमानत याचिका पर आपत्ती लेने की तैयारियां शुरू हो चुकी है।फिलहाल,इंदौर पुलिस भी एटीएस का जांच दायरा बड़ने की वजह से केवल इंजीयनियर से ब्लैकमैलिंग से जुड़े मामले पर ही ज्यादा फोकस कर रही है।हालाकि,ज्यादातर अहम सुराग पुलिस को हाथ लग चुके है
मध्यप्रदेश की सिसायत में भूचाल लाने वाले हनी ट्रैप मामले में जैसे जैसे पूछताछ का दायरा बड़ रहा है अधिकारी और रसुखदारों की दिल की धड़कन भी बड़ती जा रही है।इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आई आरती दयाल और मोनिका यादव से 48 घंटों से ज्यादा पूछताछ हो चुकी है।इस पूछताछ के दौरान आरती और मोनिका ने अपने बयान में कई खुलासे किए है।
हालाकि,पुलिस किसी का भी नाम बताने से बच रही है।इसके अलावा जानकारी ये भी सामने आई है, कि मोनिका ने फर्जी दस्तावेज बना रखे थे।और उसका सही नाम सीमा यादव है।पुलिस अधिकारियों का भी यहीं कहना है,कि दोनों खुद को पाक साफ और घरेलू महिला और छात्रा बता रही है।लेकिन ऐसा है, नहीं।
रुचि वर्धन मिश्र,एसएसपी