क्या दवा के साथ ‘दारू’ का भी इंतेज़ाम करेगी मध्य प्रदेश सरकार ? बंगाल, महाराष्ट्र और अब असम के भी ठेके खुलने के बाद प्रदेश के ‘प्यासे’ दारूबाजों में जागी उम्मीद
विशेष - डॉ सौरभ माथुर
भोपाल। कल जब सिक्किम ने भी दारू के ठेके खोल दिए , तबसे अपने अपने घरों में पिछले 21 दिनों से चुपचाप बैठे दारूबाजों को वापस तलब सताने लगी। असल में लॉक डाउन के बाद से ही देश के अधिकतर शराबी (पैसे वाले गिनती के अमीर शराबी को छोड़ कर जो पहले ही ‘स्टॉक’ कर चुके थे) लॉक डाउन के बाद से बेहद व्याकुल हैं , पूरे बीस दिन के इंतज़ार के बाद अन्य प्रदेशों से आती ख़बरों ने मानों उनकी तलब को फिरसे सुलगा दिया हो।
बंगाल में कुछ दिन पहले ही ममता बनेर्जी ने दारु की होम डिलीवरी शुरू , उसके बाद महाराष्ट्र में दो दिन के लिए ठेके खोले गए तो अब कल आसाम के आबकारी आयुक्त ने रोज़ सात घंटे ठेके खोलने के आदेश दे दिए जिसकी ख़बर फैलते ही प्रदेश के शराबियों में एक उत्साह की लेहेर दौड़ पड़ी और अब वो भी अपने प्रदेश के ऐसे ही आदेशों की राह ताक रहें हैं , उनका कहना है की राशन तो सरकार घर घर पहुंचा रही है , दवाइयों की भी दुकाने खुली हुई है तो फिर ठेके कब खुलेंगे ?
अधिकतर शराबी निचले तबके के मज़दूर, रिक्शा चालक या रोज़ कमाने वाले लोगों में से हैं जो शासन द्वारा निर्मित देसी शराब पीकर अपनी रात गुज़रते हैं , चूकिं सालों से आदत पड़ी होने के कारन उनमे से कई की तबीयतें बिगड़ने लगी हैं , तो वहीँ दुसरे तबके के शराबी सर्विस सेक्टर के लोग हैं जो हफ्ते में तकरीबन तीन बार तक सेवन करतें हैं लेकिन वो इस माहौल में कालाबाज़ारियों से तिगुनी रेट देकर अपने दो सप्ताह ही प्यास बुझा रहें हैं।
पुलिस के सख्ती के बावूद भी कई कालाबाज़ारियों ने इस लॉक डाउन में बेहद पैसा कमाया है , सात सौ में मिलने वाले बोतल 1500 से 2200 तक बीचि तो कहीं 1200 वाली 3500 तक , इन लोगों से मजबूरी में खरीदने वालों का कहना है की एक तो वैसे ही कमाई बंद है ऊपर से आदत के चलते बचत वाली जेब भी खाली हो रही है।
इसमें कोई दो राय नहीं है की इस वक़्त शराबियों की तलब से ज़्यादा देशवासियों की जान ही प्राथमिकता और लक्ष्य है लेकिन एक सवाल ये भी है की क्या आदतन शराबियों के लिए प्रदेश सरकार भी कुछ घंटे के लिए या और कोई फॉर्मूले पर ठेके खोलने की तैयारी कर रही है ?
चूंकि हर सरकार को शराब से सबसे अधिक आमदनी होती है इसीलिए भी देश की कुछ सरकारें शराब की बिक्री जल्द शुरू करवाने की कोशिश कर रही है ,सूत्रों की माने तो इस बारे में प्रदेश में भी तेज़ी से चर्चा हो रही है और हो सकता है की जल्द ही प्रदेश के दारूबाजों को कुछ राहत मिल सके.
ज़हन में आये कुछ अल्फ़ाज़ों के साथ अपने लेख को विराम दूंगा – “सालों बाद होश में आये शराबी तो देख कर खौफ़नाक मंज़र , फिर से मदहोश हो जाने के लिए तड़प ऊठे”
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