भोपाल/ मध्यप्रदेश हनी ट्रैप मामले में गठित एसआईटी गठन के चौबीस घंटे के अंदर ही विवादों में आ गई है। सोमवार शाम मध्यप्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी और इसके चीफ सीआईडी के आईजी श्रीनिवास वर्मा बनाए गए थे लेकिन 24 घंटे के अंदर ही बड़ा फेरबदल कर दिया गया जिससे ये सवाल खड़ा हो गया की ऐसा क्यों किया गया ?
सूत्रों के द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि मामले की पेचीदगी , दबाव और आने वाली मुश्किलों को देखते हुए उन्होंने इसमें अपना हाथ डालने से उन्होंने इनकार कर दिया है।
एसआईटी का प्रमुख 93 बैच के आईपीएस एडीजी काउंटर इंटेलिजेंस संजीव शमी को बनाया गया है क्यूंकि मामले की शुरुआती जाँच जिस एसटीएफ को दी गयी थी उसकी रिपोर्टिंग शमी को ही थी इसीलिए जाँच की दिशा की किसी भी प्रकार का बदलाव न आ सके उन्हीं को इसकी कमान सौंप दी गयी। संजीव शमी कुछ वर्ष पहले कुछ महीनों के लिए इंदौर एसपी भी रह चुकें हैं जहाँ इन्होने बड़े बड़े अपराधियों को धूल चटवा दी थी।
साथ ही इस टीम में स्वच्छ छवि और निर्भीक कार्यशैली के चलते इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा को भी रखा गया है , उन्होंने खुद मामले में आरोपियों से कई बार पूछताछ कर कुछ आवश्यक और बड़े तथ्य निकलवा लिए हैं , इसके अलावे टीम में साइबर सेल भोपाल के एसपी विकास सहवाल, इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह, इंदौर क्राइम एएसपी अमरेंद्र सिंह , पुलिस मुख्यालय से निरीक्षक नीता चौबे व मनोज शर्मा और पलसिया टीआई शशिकांत चौरसिया को शामिल किया गया है साथ ही सभी को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गयी है।
मानव तस्करी का केस दर्ज
वहीं, हनी ट्रैप मामले की एक आरोपी मोनिका के परिजनों की शिकायत के आधार पर इसमें शामिल चार अन्य महिला आरोपियों पर मानव तस्करी के मामले में शिकायत दर्ज की गई है। इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने कहा कि मोनिका बहुत ही गरीब परिवार से आती है और उसे इन महिलाओं ने मदद के नाम पर इस मामले में फंसाया है। इसीलिए उनपर एक और केस किया गया है।