क्राइम ब्रांच की एडवाइजरी के ख़िलाफ़ चल रही मुहीम के डर से कई फर्जी एडवाइजरी संचालक रातों रात काम बंद कर हो रहे फरार, सेबी भी जल्द कर सकती है कुछ बड़ी एडवाइजरी पर कार्यवाही
इंदौर। सूत्रों के मुताबिक सेबी भी जल्द ही इंदौर कि कुछ बड़ी एडवाइजरी कंपनियों पर कड़ी कार्यवाही कर सकती हैं हालांकि पिछले दो माह में सेबी तकरीबन तीन दर्जन एडवाइजरी के ख़िलाफ़ पहले ही के आदेश दे चुकी है लेकिन जल्द ही शहर की बड़ी एडवाइजरी कंपनियों पर भी एक के बाद एक कड़ी कार्यवाही हो सकती है।
सूत्रों की माने तो सेबी और प्रशासन एडवाइजरी के खिलाफ देश भर से आने वाली शिकायतों से त्रस्त हो चुका है इसीलिए ‘ सम्पूर्ण सफाई ‘ अभियान के जरिए समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहा है।
ऐसे माहौल में सभी एडवाइजरी संचालकों ने बेहद तनाव में हैं क्यूंकि अब एडवाइजरी उनके गले की एक ऐसी हड्डी बन चुकी है जिसे न निगला जा रहा है और न उगला क्यूंकि यदि सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजरी बंद करने कि अर्जी लगाते हैं तो सेबी का इंस्पेक्शन पर आना निश्चित हो जाता है और साथ ही बंद करने के दो साल तक भी कोई मामला आता है तो उसकी जिम्मेदारी भी बंद हुई कंपनी के संचालकों की रहेगी और फिलहाल स्टाफ डर के मारे ये काम छोड़ रहा है तो अब इस काम को चलाना भी बेहद मुश्किल होता जा रहा है।
पुलिस की कार्यवाही में भी आने वाले दिनों में कुछ और तेज़ी देखने को मिलेगी जिसमें और भी कई कंपनियों के खुलासे होंगे।
ऐसे में सबसे मज़े उनके रहे जिन्होंने बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी कंपनियां चलाई, लाखों कमाए व रातों रात फरार हो गए वहीं सेबी रजिस्टर्ड कंपनियों को ज़्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है इसीलिए अब अत्यधिक बिना रजिस्टर्ड एडवाइजरी चलाने में लोगो को ज़्यादा मुनाफा दिख रहा है किन्तु ये पुलिस व सेबी के लिए भी एक नई चुनौती खड़ी कर रहा है।
वहीं इंदौर पुलिस कि सक्रियता देख अब ऐसे लोग आस पास के क्षेत्र जैसे उज्जैन, देवास और भोपाल में डेरा जमाने लगे हैं।