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इंदौर

चंद्रयान 2 को कहीं हैक तो नहीं कर लिया गया था ? संपर्क टूटना का ये भी हो सकता है कारण : इंदौर के वरिष्ठ स्पेस साइंटिस्ट ने उठाए गंभीर सवाल

राम जी श्री वास्तव , वैज्ञानिक , इन्दौर

चंद्रयान -2 के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले उसका इसरो से संपर्क टूटने को लेकर वरिष्ठ स्पेस साइंटिस्ट डॉक्टर राम श्रीवास्तव ने गंभीर सवाल उठाए है।राम श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह अचानक लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूटा उससे कई सवाल उठे रहे है। राम श्रीवास्तव का कहना हैं कि कहीं इस पूरे सिस्टम को हैक तो नहीं कर लिया गया? इस दिशा में भी इसरो के वैज्ञानिकों को सोचना चाहिए और इसकी जांच भी होनी चाहिए। राम श्रीवास्तव ने कहा कि इन्होंने इस पूरे मिशन को बहुत करीब से देखा और जब लैंडर विक्रम लैंडिग से जब महज 2.1 किलोमीटर दूर था उसमें एक जर्क- साा लगा और विक्रम अपने निर्धारित ट्रैक से हट गया।

श्रीवास्तव कहते हैं कि अपने स्पेस साइंस के अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि अगर लैंडर विक्रम का टकराने के बाद संपर्क टूटता तो यह बात समझ में आती लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रहकर संपर्क टूटना उनकी समझ में नहीं आ रहा है।वह कहते हैं कि लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग 8 बार धरती पर सफलतापूर्वक की जा चुकी थी, धरती पर तो गुरुत्वाकर्षण चंद्रमा से 6 गुना अधिक है और यहां पर हवा भी है ऐसे में जब लैंडर विक्रम को 6 गुना ज्यादा पर चेक करके देख लिया गया था, तो ऐसे में ऐसा कोई रीजन नहीं बनता कि लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सके। वह जोर देकर कहते हैं कि लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग तो होना ही थी, ऐसे में अगर कम्युनिकेशन लिंक फेलियर हुआ है और उसका संपर्क टूटा है तो मेरी नजर में इस पूरे सिस्टम को हैक कर लिया गया हो।साइंटिस्ट राम श्रीवास्तव कहते हैं कि हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है लेकिन हमको इस दिशा में भी जांच करना चाहिए कि किसी ने हमारे सिस्टम को हैक तो नहीं कर लिया। वह कहते हैं कि लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर टकराने के बाद कम्युनिकेशन फेल होता तो हम मान लेते कि हम फेल हो गए। वैज्ञानिकों को इस एंगल पर भी सोचना पड़ेगा कि किसी ने हमारे सिस्टम को हैक तो नहीं कर लिया या जानबूझकर इसको नुकसान तो नहीं पहुंचाया।राम श्रीवास्तव कहते हैं कि उनका मानना हैं कि जब लैंडर विक्रम सेफ टैंजिक्टरी में है तो उसका संपर्क टूटना अंसभव है। इसलिए वह वैज्ञानिक तर्को पर अपनी बात रख रहे हैं। वह कहते हैं कि इसकी पूरी संभावना है कि लैंडर विक्रम के इलेक्ट्रानिक सार्किट को विकिरण के द्वारा डैमेज किया गया हो या पूरे सिस्टम को हैक कर लिया गया हो।

 

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