चित्तौड़गढ़ : अधिशासी अभियंता का पद खाली, सहायक अभियंता के वारे न्यारे, विभाग के प्रशासनिक अभियंता मौन
चित्तोड़गढ़। तबादलों के पिछले चले दौर में कई अभियंता इधर से उधर हुए जिसमे अधिकतर तबादले सोच समझ कर हुए लेकिन कई जल्दीबाज़ी में किये गए ।
इस उधेड़बुन में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने चहेतों को नियमों के विपरीत ताबड़तोड़ फायदे दिलाये , ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जयलदाय विभाग के चित्तौड़गढ़ वृत्त में देखने को मिला जिसमे एक अधीक्षण अभियंता ने अपने चहेते सहायक अभियंता पीयूष मोदी को आचार संहिता की आड़ में एक के बाद एक कई चार्ज दिला दिए जिसमें चित्तोड़गढ़ अधिषासी अभियंता, टी ए अधिक्षण अभियंता, टी ए अधिषासी अभियंता जैसे वरिष्ठ पद देकर इन्हें ‘फोर टू का वन’ कर दिया गया है।
ज्ञात हो पूरे प्रदेश में चित्तोड़गढ़ खंड एक बड़ा खंड है जिसका चार्ज किसी वरिष्ठ अधिषासी अभियंता को देना चाहिए लेकिन ऐसा लगता है कि किन्हीं निजी स्वार्थों को साधने की नीयत से एक सहायक अभियंता पर प्रेम की बरसात कर दी गयी है।
वंही ऐसे मामले को देख कर लगता है कि मुख्य अभियंता प्रशासन धृतराष्ट्र की तरह मौन साधे अपने रिटायरमेंट का इन्तेज़ार करते नज़र आ रहे है वहीं आचारसंहिता अनुसार ऐसी ज़िम्मेदारी किसी वरिष्ट अधिकारी को देने में कोई पाबंदी नहीं है।
प्रशासन को चाहिए कि तुरंत ऐसे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषीयों पर कार्यवाही करि जाए।