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CrimeMadhya Pradeshइंदौर

टी आई सुसाइड केस में एएसआई रंजना को मिली जमानत, कोर्ट ने माना की टी आई को उकसाया नहीं गया, उसने ख़ुद पहले एएसआई को गोली मारी फिर ख़ुद को उड़ाया

इंदौर में हाईप्रोफाइल TI सुसाइड मामले की आरोपी सस्पेंड ASI रंजना खाण्डे को कोर्ट से जमानत मिल गई।
देर शाम तक मामले की एक से डेढ़ घण्टे सुनवाई चली जिसमे आरोपी रंजना के वकील ने तर्क दिया कि ASI हाकम सिंह से जो कार मांग रही थी, वो उसके भाई कमलेश की थी, इस कार का पैसा रंजना ने दि या था। वकील ने कहा, हाकम सिंह ने पहले रंजना पर हमला किया, फिर खुद सुसाइड किया है। उनको आत्महत्या के लिए उकसाया नहीं गया था और चुकी रंजना एससी एसटी में आती हे इसलिए उनपर एससी एसटी की धाराओं में केस दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं बनता, बहस पूरी होने के बाद रंजना खांडे कोर्ट ने देर शाम जमानत दे दी.

आपको बता दे की भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में पदस्थ टीआई हाकमसिंह ने 24 जून को इंदौर के पुलिस कंट्रोल रूम के परिसर में पहले एसआई रंजना खांडे को गोली मारी उसके बाद खुद को गोली मारकर सुसाईड कर लिया था जिसमे रंजना बल बल बच गई थी पुरे मामले में कार के लेनदेन की बात सामने आई थी जिसमे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी की टीम घठित की थी टीम ने पुरे मामले चार रोपी बनाये थे जिसमे टीआई की तीसरी पत्नी रेशमा शेख,महिला मित्र एएसआई रंजना खांडे एएसआई का भाई कमलेश खांडे और कपडा व्यापारी को आरोपी बनाया था जिसमे कमलेश खांडे की धार में खाना बनाते समय जलने से मोत हो गई थी वही पुलिस ने दो आरोपी रंजना और रेशमा की गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था वही कपड़ा व्यापारी अभी भी फरार हे पुरे मामले को लेकर रंजना के वकील ने रंजना की जामनत के लिए गुरूवार को जिला कोर्ट में अर्जी लगाई थी और वकील कृष्ण कुम्हार कुन्हारे ने पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूत कोर्ट के सामने रखे। वकील ने कोर्ट से कहा, हाकम सिंह की मौत के बाद उनका परिवार अनुकंपा नौकरी सहित विभागीय लाभ चाहता है। परिवार इससे वंचित ना रह जाए, इसके डर से रंजना को झूठा फंसाया। किसी भी प्रकार का आपत्तिजनक सामान रंजना से जब्त नहीं हुआ है। ASI के वकील ने कोर्ट को बताया कि चूंकि रंजना SC-ST वर्ग की है, इसलिए उस पर SC-ST अपराधों की धारा में केस दर्ज  नहीं किया जा सकता। आरोपी रंजना का जाति प्रमाण पत्र भी वकील ने कोर्ट में पेश किया।वकील ने कोर्ट के सामने तर्क रखा कि खुद की कार मांगना अपना अधिकार है। यह ब्लैकमेलिंग की श्रेणी में नहीं आता। TI हाकम सिंह ने खुद को गोली मारी है। उसके पहले आरोपी को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया। इस मामले में हाकम सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया जा चुका है।डेढ़ घंटे की बहस और सरे सबूतों को देखने के बाद न्यायधीश मनोज कुमार ने एएसआई रंजना खांडे को देर शाम जमानत पर रिहा कर दिया।

बाईट – कृष्ण कुमार कुन्हारे एएसआई के वकील

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