दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया साथ ही हनी ट्रैप पर प्रतिक्रिया दी और राजयपाल न बनाने पर बोलीं : राजयपाल बनने से अच्छा मैं पार्टी की सोच बनूं
न्यूज़ ब्रीफ :
इंदौर। आज प्रातः पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 103 वी जयंती पर दीनदयाल उपवन इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ताई जी के साथ पंडित दीनदयाल जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए श्रीमती महाजन ने कार्यकर्ताओं से पंडित जी की जीवन से संबंधित कुछ संस्मरण भी सुनाए महान विचारक एकात्म मानववाद के प्रणेता को याद कर सभी कार्यकर्ताओं में उन्हें याद किया की 1952 में जन संघ का जलाया हुआ वह विचारों का छोटा सा दीपक आज पूरे हिंदुस्तान को प्रकाशमान कर रहा है।
कार्यक्रम के अंत में हनी ट्रैप मामले पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा : राजनीति में सुचिता होना जरूरी,मैं अपने कार्यकर्ताओं को यही कह रही हूं,दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चलें,हनी ट्रैप मामले में हो कड़ी कार्रवाई, राज्य और केंद्र के संबंध कैसे होना चाहिए इस पर दीनदयाल जी ने मंथन किया था।
राज्यपाल नही बनाने पर ताई ने दी सफाई -लोकसभा स्पीकर का पद राज्यपाल से बड़ा होता है, ये चौथे नम्बर का पद होता है, राज्यपाल बनने से अच्छा है में पार्टी के लिए एक सोच बनी सकती हूं।