क्या क्या हाथरस बनने बनने जा रहा है राजस्थान का करौली जिले का सपोटरा तहसील दबंगों के द्वारा दिनदहाड़े जिंदा जलाए जाने पर कल देर शाम को मंदिर के पुजारी बाबूलाल की मौत हो गई s.m.s. अस्पताल में बाबू ने आखिरी सांस ली आज सुबह से ही ब्राह्मण समाज के कई संगठन ने प्रदर्शन किया और लाश का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया मामला मीडिया में आने के बाद में सरकार ने स्तर पर संज्ञान लिया और वार्ता करने के लिए एडीजी स्तर के पुलिस अधिकारी को s.m.s. अस्पताल के मुर्दाघर में भेजा जिस पर प्रदर्शनकारियों की ओर से 5 मांगे का सहमति मंगवाने का बात हुई जिनमें पांच प्रमुख मांगे इस प्रकार थी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले सपोटरा थाना इंचार्ज हरजी लाल यादव को तुरंत निलंबित किया जाए क्योंकि बाबू पुजारी बहुत गरीब था और उसके पांच बेटियां 5 दिन है अतः उसके परिवार में किसी एक को सरकारी नौकरी 5000000 का मुआवजा यह सभी मांगे पूरी होने पर ही लाश को उठाने की बात हुई थी ऐसे में पुलिस अधिकारी ने इन सभी बातों को आगे पहुंचा दिया और यह कह दिया कि आप सभी की बातें पूरी हो जाएगी परंतु लिखित में कोई भी बात नहीं हुई जब पुजारी के परिवार वाले पुजारी के शव को लेकर सपोटरा तहसील की भूख लगा पहुंचे तो वहां पर मौजूद परिजन इस बात पर अड़ गए कि हमें लिखित में ही सभी मांगे चाहिए तभी जाकर हम शव की अंत्येष्टि कराएंगे देर रात तक पुलिस इसी बात पर अड़ी है कि शव की अंत्येष्टि करा दीजिए ऐसे में पुलिस की जोर जबस्ती जबरदस्ती के बीच में गांव में माहौल गमगीन है और साथी लोगों में आक्रोश भी है कि आखिर पुलिस किसके दबाव में शव का अंतिम संस्कार करने पर तुली है।
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