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देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नाम एक और कीर्तिमान : शहर के कचरे से बनेगी सबसे प्योर सीएनजी गैस, कचरे से हर महीने ढाई करोड़ की कमाई, गैस प्लांट का परसों पीएम करेंगे उद्घाटन , जायज़ा लेने पहुंचे मंत्री सिलावट, इंदौर कलेक्टर और निगम आयुक्त

इंदौर में एशिया का पहला बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर स्थापित किया गया है जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 तारीख को वर्चुअल किया जाएगा जिसके अंतिम तैयारियों की समीक्षा को लेकर संभाग आयुक्त डॉक्टर पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल द्वारा टीचिंग ग्राउंड स्टेट बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण किया गया.

इस दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने कहां की इस बायो सीएनजी प्लांट की क्षमता 550 मेट्रिक टन का है, निरीक्षण के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि इंदौर के नागरिक गीला कचरा अलग करते हैं, गीला कचरा इसी जगह पर आता है जो बायो सीएनजी प्लांट में जाता है, बायो सीएनजी में कन्वर्ट होता है,इस प्लांट की विशेषता यह है कि 96 प्योरिटी के साथ मीथेन है जो देश में किसी भी प्रकार से किसी प्लांट में सीएनजी निर्मित होती है उससे सबसे ज्यादा है, इसके कारण कैलोरीफिक वैल्यू अच्छी आती है।

इस प्लांट का डेढ़ सौ करोड़ की लागत से अनिवार्य कंपनी है, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस गवर्नमेंट ऑफ यूपी संयुक्त कंपनी जिसके द्वारा इस मॉडल पर कार्य किया जा रहा है, इसमें नगर निगम या राज्य शासन का किसी भी तरह की राशि नहीं लगी है.

यहां से जितने भी सीएनजी निर्मित होगी उसे इंदौर में चलने वाली सिटी बसों में उपयोग किया जाएगा।
इस तरह इंदौर नगर निगम को 2.5 करोड़ हर वर्ष मिलेगा, अवंतिका गैस जिस रेट में गैस उपलब्ध कराती है उससे ₹5 कम रेट में यह कंपनी बसों में बायो सीएनजी गैस उपलब्ध कराएगी, कहीं ना कहीं पर्यावरण को लेकर बहुत अच्छी पहल होगी, इस देश का पहला एशिया का बायो सीएनजी प्लांट इंदौर में लगाया गया है, इसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 तारीख को दोपहर 1:00 बजे उनका वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया जाएगा, शहर के जितने भी अलग अलग संगठन सामाजिक संगठन व्यापारी संगठन जिन्होंने स्वच्छता में सहयोग दिया है , जिनके कॉन्ट्रिब्यूशन से जागरूकता बढ़ी है और उसी के कारण यह संभव हो सका कि एशिया का सबसे बड़ा प्लांट इंदौर में लगाया गया है.

आपको बता दें इस प्लांट को लेकर यूरोप में भी सर्वे के साथ ही भारत के कई बड़े शहरों में भी सर्वे किया गया था। इंदौर के नागरिकों के द्वारा जो से सूखा गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जा रहा है उसकी क्वालिटी इतनी अच्छी है इसलिए इस प्लांट को इंदौर में स्थापित किया गया है जो कि इंदौर के लिए भी गर्व की बात है।

बाईट- कलेक्टर मनीष सिंह

निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि इंदौर का प्लांट बनकर तैयार हो गया है और जिसका लोकार्पण 19 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा इसके मुख्य विशेषता है कि हंड्रेड परसेंट एग्रीगेटेड बेस्ट पर संचालित होगा इंदौर शहर के नागरिक जो अपने उस शहर में कचरा इकट्ठा करते हैं जो कचरा इकट्ठा किया गया था उसमें क्वालिटी जिस एजेंसी ने यह प्लांट बनाए हैं उन्हें सैंपल से लिए थे देशभर के शहर में जिसमें इंदौर से भी 200 सैंपल लिए गए थे जिसमें इंदौर के कचरे में परसेंट 99 परसेंट रही थी , कचरे की जिससे यह साबित होता है कि इंदौर के नागरिक कितने जागरूक हैं कचरे को प्रोसेसिंग प्लांट के लाते हैं, इस प्लांट में ऑर्गेनिक वेस्ट है इनमें माइक्रो ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से डीकंपोजिशन कर बायोगैस बनाया जाएगा फिर उसको आगे प्रोसेस कर बायो सीएनजी बनाई जाएगी, निगम आयुक्त ने बताया कि जो सामान्य सीएनजी गैस होती है उसमें इस प्लांट की गैस की खासियत यह रहेगी जिस में मीथेन का परसेंटेज 96 प्रतिशत मीथेन के साथ होगी इसकी एक फायदा यह होगा कि जिन वाहनों में किस गैस से चलाए जाएंगे उसका माइलेज भी बढ़कर मिलेगा साथ ही पर्यावरण के नुकसान से राहत मिलेगी।

निगमायुक्त ने बताया कि इस प्लांट में निर्मित होने वाली बायो सीएनजी 18000 केजी बायो सीएनजी जनरेट होगी जिसमें 400 बसें प्रतिदिन चलाई जा सकती है तो कुल मिलाकर इंदौर में 400 डीजल से चलने वाली बसों को रिप्लेसमेंट करेंगे, इस सीएनजी गैस के माध्यम से आने वाले दिनों में इंदौर में पर्यावरण सुधार में महत्वपूर्ण घटक साबित होगा।

बाइट निगमायुक्त प्रतिभा पाल

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