देश मे लगातार कम होते जनाधार के बीच कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी के रूप में सामने आए कमलनाथ
इंदौर – एक और जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह भारतीय जनता पार्टी को नई बुलंदियों पर पहुँचा। कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को बुलंद करते दिख रहे है। वही दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ उनके सपनो की आंखों में कंकर बन चुभ रहे है। यू तो प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के 15 साल का कार्यकाल देखा है। शुरू के पाँच साल तो सब ठीक था। लेकिन बाद के 10 साल के कार्यकाल या यूं कहें अंतिम पाँच साल शिवराज सिंह सरकार के घोटालों व झूटी घोषणाओं से जनता का मोह भंग हो गया। वैसे तो जनता ने पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व को स्वीकारते हुए शिवराज सरकार को नकारा था। लेकिन कांग्रेस के बुरे वक्त में लिया गया जन विरोधी निर्णय आज कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी का काम कर गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ की निर्णय क्षमताओं ने न सिर्फ कांग्रेस में आज जान फूंक दी है बल्कि प्रदेश की जनता भी कमलनाथ सरकार से संतुष्ट नजर आ रही है। सरकारी नोकरियो में शिवराज सरकार में पूरे देश से नियुक्तियां खुली थी जिसके कारण प्रदेश का युवा हर नोकरी में मुँह ताकता बेरोजगार रह जाता था। लेकिन कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की नोकरियो में प्रदेश के युवाओं को रोजगार का पहला हक मिले इसका नियम बनाया। निजी राजनीतिक यात्राओं ओर छोटे छोटे कार्यक्रमो में शिवराज सरकार प्रदेश की जनता की मेहनत की कमाई खूब लुटाई ओर शिवराज का नाम चमकाया। लेकिन कमलनाथ सरकार हर एक कार्यक्रम में इस बात का विशेष ध्यान रख रही है कि कही भी फिजूल खर्च न हो। काम के परिणाम से जनता का भला होना चाहिए भले ही सरकार या मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम न हो। इंदौर मैं सम्पन्न हुआ इन्वेस्टर मीट इसका जीता जागता उदाहरण है। प्रदेश की जनता बधाई की पात्र है जो उन्होंने कांग्रेस को मौका दिया। देश मे भले ही प्रधानमंत्री मोदीजी का ढंका बज रहा हो लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कार्यशैली का शोर भी कही कम नजर नही आता।
अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़