पहले ही दिन ‘ लॉक डाउन ‘ में ‘ खुला ‘ रहा शहर, देर दोपहर तक राजवाड़ा में बंद होती रहीं दुकानें तो पाटनीपुरा में आम दिनों से ज़्यादा भीड़, सैंकड़ों की संख्या में लोग एक दूसरे पर पैर रख करते रहे खरीदारी, भारती न्यूज़ कि ग्राउंड रिपोर्ट
ग्राउंड रिपोर्ट - डॉ सौरभ माथुर
ग्राउंड रिपोर्ट – डॉ सौरभ माथुर, संपादक, अशोक रघुवंशी विशेष संवादाता
पाटनीपुरा पर अनियंत्रित भीड़ भाड़
इंदौर। पाटनीपुरा और राजवाड़ा पर जनता कर्फ्यू के दिन लगी जबरदस्त भीड़ से इंदौर कलेक्टर की नाराजगी कल देर शाम काफी बढ़ गई थी जिसके बाद उन्होंने आनन-फानन में इंदौर शहर को लॉक डाउन करने के आदेश पारित किए जिसमें प्रशासन पुलिस व जनता के बीच में कोई समन्वय कोई समन्वय बैठता हुआ आज नहीं दिखा।
भारतीय न्यूज़ की टीम से संपादक डॉक्टर सौरभ माथुर खुद आज कैमरा टीम और विशेष संवाददाता अशोक रघुवंशी के साथ ग्राउंड रिपोर्ट देखने निकले।
राजवाड़ा पर अपराहन 3:00 बजे दोपहर तक वाहनों की आवाजाही बनी हुई थी वह धीरे धीरे करके दुकानें बंद हो रही थी तो वही मुंबई हॉस्पिटल से लेकर पिपलियाहाना चौराहे तक सड़कों पर वाहन की कतारें देखने को मिली जबकि लोगों को घर जाने वह दुकान बंद करने का आदेश देती नगर निगम की टीम इंदौर पुलिस की गाड़ियां देर दोपहर तक ही कुछ ही इलाकों में घूमती हुई मिली, इसका कारण नॉक डाउन के आदेश का देर से निकलना व कई मामलों पर कन्फजन बने रहने को बताया जा रहा है। सबसे बुरी स्थिति मालवा मिल से लेकर पाटनीपुरा चौराहे तक देखने को मिली जहां सैकड़ों की तादाद में जनता किराना की, सब्जियों की, दूध इत्यादि की दुकानों पर दर्जनों की संख्या में खड़ी मिली वह हालात ट्रैफिक जाम के भी कई बार बने, क्षेत्र में तकरीबन शाम 6:00 बजे तक पुलिस या निगम की ओर से कोई भी गाड़ी यावल भीड़ लगाती हुई जनता को कंट्रोल करता हुआ नहीं दिखा मनों जैसे सब कुछ सामान्य है।
जनता भी आंख मूंद सभी चेतावनी को दरकिनार करके इन दुकानों पर एक के ऊपर एक पैर रख खरीदारी करती हुई नजर आई जिसमें से अधिकांश लोगों ने कोई भी मास्क नहीं पहन रखा था।
इंदौर के लोक डाउन का पहला ही दिन जबरदस्त खेल होता हुआ दिखाई दिया उल्टा सामान्य दिनों से ज्यादा भीड़ बाजारों में देखने को मिली जिससे एक बहुत बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि बिना प्लानिंग स्व तैयारियों के प्रशासन ने लॉक डाउन करके कोई बहुत बड़ी भूल तो नहीं कर दी?