Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.

कोई दोबारा ‘सूबेदार’ न बने, वर्क लाइफ बैलेंस और एंगर मैनेजमेंट पर कार्यशाला सम्पन्न

इंदौर- दिनांक 12 अप्रेल 2019- इंदौर- दिनांक 12 अप्रेल 2019- पुलिस विभाग की व्यस्ततम व चुनौतीपूर्ण ड्‌यूटी के कारण, पुलिसकर्मी तनावग्रस्त हो जाते है, जिसके कारण कई बार उनके स्वभाव में एक बदलाव भी आ जाता है और वे अपने मनोभावों पर ठीक तरह से नियत्रंण नहीं कर पाते हैं। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए परीवीक्षाधीन उप निरीक्षकों एवं डीआरपी लाईन के आरक्षक व प्रधान आरक्षकों को वर्क लाइफ बैलेंस व एंगर मैनेजमेंट विषय पर एक प्रशिक्षण सेमिनार का आयोजन आज दिनांक 12.04.19 का पुलिस कंट्रोल रूम पर किया गया।
उक्त कार्यक्रम में अति. पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्रीमती मनीषा पाठक सोनी व रक्षित निरीक्षक श्री जय सिंह तोमर की उपस्थिति में, प्रोफेशनल मनोसामाजिक परामर्शदाता श्री आनंद गौर ने उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को अपने कार्यस्थल व सामाजिक जीवन में अपनी भावनाओं व क्रोध पर नियंत्रण एंव इसके मैनेजमेंट के संबंध में व्याखयान दिया गया।
उन्होने बताया कि क्रोध हमारे अंदर उपजने वाला एक मनोभाव है, जो कि तात्कालिक समय पर किसी कारणवश आ जाता है, जिस पर थोड़े से अभ्यासके द्वारा नियत्रंण पाया जा सकता है। साथ ही उन्होने कहा कि, क्रोध से किसी दूसरे व्यक्ति का नहीं अपितु स्वंय का ही नुकसान होता है, इससे केवल शारीरिक नुकसान ही नहीं होता बल्कि हम मानसिंह रूप से ज्यादा आहत होते है। क्रोध का दुष्परिणाम आपसी संबंधो, परिवार, समाज व आपके व्यवसाय पर भी पड़ता है, इसलिय हमें यथासंभव किसी भी परिस्थिति में थोड़ी देर ढहरकर, शांत चित्त होकर, उसके बारें में विचार करना चाहिये। इस दौरान उन्होने तनावमुक्त रहने व अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने के लिय आवश्यक टिप्स भी दिये गये।, जिसके कारण कई बार उनके स्वभाव में एक बदलाव भी आ जाता है और वे अपने मनोभावों पर ठीक तरह से नियत्रंण नहीं कर पाते हैं। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए परीवीक्षाधीन उप निरीक्षकों एवं डीआरपी लाईन के आरक्षक व प्रधान आरक्षकों को वर्क लाइफ बैलेंस व एंगर मैनेजमेंट विषय पर एक प्रशिक्षण सेमिनार का आयोजन आज दिनांक 12.04.19 का पुलिस कंट्रोल रूम पर किया गया।
उक्त कार्यक्रम में अति. पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) श्रीमती मनीषा पाठक सोनी व रक्षित निरीक्षक श्री जय सिंह तोमर की उपस्थिति में, प्रोफेशनल मनोसामाजिक परामर्शदाता श्री आनंद गौर ने उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को अपने कार्यस्थल व सामाजिक जीवन में अपनी भावनाओं व क्रोध पर नियंत्रण एंव इसके मैनेजमेंट के संबंध में व्याखयान दिया गया।
उन्होने बताया कि क्रोध हमारे अंदर उपजने वाला एक मनोभाव है, जो कि तात्कालिक समय पर किसी कारणवश आ जाता है, जिस पर थोड़े से अभ्यासके द्वारा नियत्रंण पाया जा सकता है। साथ ही उन्होने कहा कि, क्रोध से किसी दूसरे व्यक्ति का नहीं अपितु स्वंय का ही नुकसान होता है, इससे केवल शारीरिक नुकसान ही नहीं होता बल्कि हम मानसिंह रूप से ज्यादा आहत होते है। क्रोध का दुष्परिणाम आपसी संबंधो, परिवार, समाज व आपके व्यवसाय पर भी पड़ता है, इसलिय हमें यथासंभव किसी भी परिस्थिति में थोड़ी देर ढहरकर, शांत चित्त होकर, उसके बारें में विचार करना चाहिये। इस दौरान उन्होने तनावमुक्त रहने व अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने के लिय आवश्यक टिप्स भी दिये गये

 

Leave a Reply

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker