बीकानेर जिला कलक्टर गौतम की संवेदनशीलता से गरीब परिवार को मिला आय का सहारा।
जिला कलक्टर गौतम बने पीड़ित दंपति का सहारा राम रूठा, प्रशासन ने आत्मनिर्भरता का बढ़ाया हाथ
बीकानेर,17 अप्रैल। जीव-जन्तुओं की रक्षा में अपने को खपाने वाले और शहरी क्षेत्र में जहरीले सांपों और जीव-जन्तुओं को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने वाले हेमन्त सोनीे को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ेगा, इसका अहसास किसी को नहीं था। लेकिन नियति को यही मंजूर था।
हेमन्त सोनी की ज़हरीले सांप के डसने से हुई मृत्यु के कारण बूढ़े माता-पिता की इकलौती संतान के चले जाने से उन पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। हताश बुजुर्ग दंपति श्रीमती एवं श्री ज्योति प्रकाश सोनी ने अपने सहारे की तलाश में पिछले सप्ताह जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम के समक्ष नियमित जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपनी व्यथा सुनाई। गौतम ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दंपति को ढाढ़स बंधाया। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने संवेदनाओं से भरपूर अपनी आदत के मुताबिक मदद का हाथ बढ़ा दिया। उन्होंने तत्काल आर्थिक सहायता को इस दंपति के लिए उपयुक्त नहीं मानते हुए कोई नियमित आय का जरिया देने का मानस बनाया। इसके लिए उन्होंने रेडक्राॅस सोसायटी के माध्यम से परचून के सामान की खरीद करवाई और मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए बुधवार शाम को बगैर किसी को बताए इस दंपति के घर पहुंच गए।
जिला कलक्टर को वहां देखकर मौहल्लेवासी आश्चर्य चकित हो गए। जिला कलक्टर गौतम परचून का सामान लेकर दंपति के निवास पर पहुंचे और परचून की दुकान खुलवाकर आजीविका चलाने की नई राह दिखाई। गौतम ने स्वयं एक अच्छे दुकानदार की तरह सभी सामान खोल कर अलग-अलग रैक्स में लगाए। सिने मैजिक रोड के सामने स्थित औद्योगिक क्षेत्र के पास मौहल्ले के लोग भी आश्चर्यचकित होकर कभी गाड़ी पर लिखा ‘‘जिला कलक्टर’’ देख रहे थे और कभी फिर विश्वास के साथ एक-दूसरे को बतिया रहे थे कि जो व्यक्ति चिप्स व अन्य नमकीन के पैकेट दुकान में करीने से लगा रहा है, वह जिला कलक्टर ही है, और देखते ही देखते अब तक धूल फांक रही दुकान सामान से भर गई। भरी दुकान को देखकर दम्पत्ति की आंखें भर आई और चेहरे पर यह विश्वास भी झलक रहा था कि गौतम का यह प्रयास उनके जीवन में अब आत्मनिर्भरता लाएगा।
गौतम बने पहले ग्राहक
पूरी दुकान में सारा सामान व्यवस्थित रखने और दंपत्ति को समझाने के बाद गौतम दुकान के बाहर आकर खड़े हुए और जेब से पैसे निकाल कर बुजुर्ग व्यक्ति से कहा कि दो चिप्स के पैकेट दीजिए। इस पर बुजुर्ग ने कहा कि ये सामान तो आप लाए हैं, आप ही का है, इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि ये सामान आपका है, मैं आपका ग्राहक हँू, और फिर पैसे दिए और चिप्स के पैकेट लेकर वहाँ खड़े दो बच्चों को उन्होंने वो पैकेट बांट दिए।
जीव-जंतुओं की प्राण रक्षा करते हुए अपना जीवन उत्सर्ग करने वाले हेमन्त सोनी के बेसहारा माता-पिता की आज महावीर जयंती के पुण्य अवसर पर मदद से मौहल्लेवासी जिला कलक्टर के प्रति कृतज्ञता का इजहार कर रहे थे। दुकान के सामान में जिला प्रशासन का सहयोग रेड क्राॅस सोसायटी के सचिव विजय खत्री का रहा। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा किए जाने वाले इस तरह के संवेदनशील कार्यों के लिए रेडक्राॅस सोसायटी हमेशा आगे बढ़कर कार्य करेगी।