बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर।
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर। इंदौर लोकसभा चुनाव 30 सालो से इंदौर की जनता ने सांसद जी को वोट दे देकर बहुत बड़ा बना दिया। नतीजा ये हुआ कि आज BJP कार्यकर्ता तो कभी कभार कार्यक्रमो में अपने सांसद के दर्शन दूर से कर भी लेता है लेकिन इंदौर की भोली भाली जनता सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और न्यूज़ पेपरों में ही दर्शन कर पाती है। लोकसभा चुनाव के परिणामो का इशारा विधानसभा चुनाव में जनता और कार्यकर्ता दर्शा चुका है। आज इंदौर में प्रदेश अध्यक्ष ,राष्ट्रीय महासचिव, की मौजूदगी के बावजूद चिमनबाग में हुआ बीजेपी का कार्यक्रम गरिमामय उपस्तिथि नही दर्शा पाया। 7000 कार्यकर्ताओ का लक्ष्य 2000 में सिमट कर रह गया। उसमे भी 500 अन्य पदाधिकारी थे। कार्यक्रम था कार्यकर्ताओ में जोश भरने का लेकिन जोश आएगा कहा से जब कोई उम्मीद ही न बची हो। कार्यकर्ताओ को तो अब ऐसा लगने लगा है कि इंदौर में सांसद की सीट ही नही है ये चुनाव महज औपचारिकता है।और औपचारिकता कितनी बार निभाये कार्यकर्ता।इंदौर की जनता व कार्यकर्ताओं को ऐसा सांसद चाहिए जो सरल हो,सहजता से उपलब्ध हो, जिससे मिलने के लिए समय न लेना पड़े। लोकसभा सत्र के बाद इंदौर में दिखे। कार्यक्रमों में भागीदारी करे। लेकिन इंदौर की जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं का भाग्य अभी उदय होते नही दिख रहा। लेकिन हा यही हाल रहा तो प्रदेश की सत्ता की तरह ही इंदौर की लोकसभ सीट भी कांग्रेस के किसी उम्मीदवार का भाग्य उदय करते दिख रही है।अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़ इंदौर