भाजपा या कोंग्रेस मय महागठबंधन: एक कश्मकश
वैभव माथुर - विशेष संवादाता, शिकागो, अमेरिका
यूँ तो मोदी जी से जनता तक़रीबन ख़ुश है मगर कुल मिला के भाजपा से ख़ासी नाराज़ है। हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों से यही निष्कर्ष निकला है , कमसकम 4 राज्यों में।
ऐसा लग रहा है मानो जनता ने GST काट के भाजपा को वोट दिए हों।
मगर गंभीरता से सोचा जाए तो ये बात तक़रीबन सच है के भारत का युवा मोदी को पसंद करता है क्यूकी उसे लगता है की मोदी लॉजिकल हैं और विकास पसंद प्रधान मंत्री हैं ।
अगर मैं अपनी ही बात करूँ तो मैं शायद 2019 के लोक सभा चुनावों में मोदी जी को वोट दूँगा भाजपा को नहीं
और पिछले कुछ महीनो में हुए और राज्यों के चुनावों के परिणामों से ओवर कॉन्फ़िडेंट होती जा रही भाजपा को एक झटका लगना ज़रूरी था।
मगर डर इस बात का है की ये झटका भाजपा को कहीं भारी ना पड़ जाए। अगर 2019 के लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के नेता चुने जाने वाले राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बन बैठे तो ये ज़ोर का झटका ज़ोर से ही लगेगा।
मुझे लगता है भारत के कई नागरिक जो अपना वोट धार्मिक राजनीति, जात-पात की राजनीति या वोट बैंक राजनीति से हटके देते हैं , शायद मेरी तरह इसी कश्मकश में हैं