भ्रष्ट पटवारी की 40 लाख की संपत्ति सरकार ने कि ज़ब्त, ज़िला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया पूरा मामला, उज्जैन में पदस्थ है पटवारी
बाइट मोहम्मद अकरम शेख जिला अभियोजन अधिकारी
इंदौर – संपत्ति राजसात
विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्रमांक-01 इंदौर (म.प्र. विशेष न्यायालय अधि. 2011) पी.सी.आर्य की विशेष कोर्ट ने उज्जैन के तत्कालीन पटवारी की भ्रष्टाचार से अर्जित लाखों की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि आरोपी का नाम वीरेश उपाध्याय पिता अर्जुन उपाध्याय उम्र 47 वर्ष निवासी- त्तकालीन पटवारी द्वारा जिला उज्जैन (लोक सेवक) का रहने वाला है।वीरेश उपाध्याय ने पटवारी के पद पर पदस्थ होकर अपनी सेवा प्रारंभ की और अपने सेवाकाल में प्रभावित व्यक्ति जिला उज्जैन में पदस्थ रहा।प्रभावित व्यक्ति द्वारा योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार कर अपने व अपने परिवार के नाम से अनुपातहीन संपत्त्िा अर्जित करना शुरू किया गया तथा अपनी आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति एकत्रित की गई ।उक्त प्रकरण में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियेाजक एम. के. चतुर्वेदी द्वारा रखा गया । अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि 15 अक्टूबर 2011 को लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा उक्त आरोपी के विरुद्ध भ्रष्ट्राचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी द्वारा अर्जित 40,62,670/- रूपये की अवैध संपत्ति को राजसात करने हेतु आवेदन दिया गया। कोर्ट ने वीरेश उपाध्याय आदि की कुल राशि 20 लाख 61 हजार 478 रूपये की चल-अचल संपत्ति अधिहरण योग्य पाते हुये राजसात करने के आदेश दिए।