‘साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल’ बिजासन माँ को चढ़ने वाली विशाल चुनरी को सजाने में लगे है मुस्लिम कारीगर
इंदौर- चुनरी यात्रा में स्वागत मंचो पर प्लास्टिक यूज़ न करे स्वागतकर्ता-आयोजक ने सावधानी बरतने की अपील की
इंदौर 3 अकटुम्बर, 2019/ इंदौर को शांतिप्रिय शहर के रूप में जाना जाता है, यहाँ हिन्दू-मुस्लिम और धर्म से ऊपर उठकर गंगा-जमुनी तहजीब की भावना देखने को मिलती है। ऐसा ही नजारा नवरात्रि पर्व में भी देखने को मिल रहा है। रविवार 6 अकटुम्बर को प्रातः 11 बजे बड़ा गणपति मंदिर से निकलने वाली विशाल चुनरी यात्रा में माँ बिजासन को अर्पित की जाने वाली 2 कि.मी. लंबी चुनरी को सजाने का काम इंदौर के मुस्लिम कारीगरों द्वारा किया जा रहा है।
यात्रा संयोजक व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता ने बताया कि सूरत से बनकर आयी चुनरी को इंदौर के मुस्लिम कारीगरों द्वारा सजाने का कार्य जारी है। मुस्लिम भाइयों द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल के साथ इसे तैयार किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग चुनरी यात्रा के दिन इस पवित्र चुनरी को हाथ से स्पर्श कर या माथे से लगाकर माँ से मनोकामना करते हैं। इस विशाल चुनरी को माँ बिजासन को अर्पित किया जाता है।
मुस्लिम कारीगर ने बताया कि हर साल हमारे परिवार के सदस्यों व कारीगरों द्वारा नवरात्रि पर्व पर माँ बिजासन को चढ़ने वाली इस पवित्र विशाल चुनरी को सजाने का काम करते है। इस पवित्र चुनरी के लिए हम नवरात्रि से पहले कोई आर्डर नहीं लेते, इस चुनरी में लाखों सलमा सितारे, चमक के साथ-साथ लेस गोटे व मोती लगाने का काम भी किया जाता हैं। इस चुनरी को तैयार करने में करीब 6 से 7 दिन लगते है। 8-9 सदस्य तीन पाली में इसे सजाने के कार्य मे लगे रहते है। चुनरी के साथ साथ माँ बिजासन से भी हमारा लगाव जुड़ा रहता है।
चुनरी यात्रा संयोजक श्री गुप्ता ने यात्रा का स्वागत करने वाली सामाजिक-शेक्षेणीक-आर्थिक-खेल-व्यापारी संस्थाऒ, रहवासी संघो, गरबा मंडलो से अपील की है, कि यात्रा के स्वागत मंचो पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न किया जाए। मंचो से वितरित होने वाली खिचड़ी प्रसाद, छाछ, फल और जल के लिए संस्थाएं कागज से बनी प्लेट्स का उपयोग करे।