सीएम से मुलाकात फेल , मध्य प्रदेश में डेढ़ लाख ट्रकों के पहिये थमे , प्रदेश में ट्रासपोर्टरों की सबसे बड़ी हड़ताल
इंदौर – थम गए लाखों ट्रकों के पहिए
मध्यप्रदेश में 5 अक्टूबर से ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी हड़ताल,
प्रदेश के करीब 1.50 लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए थम गए
मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालको ने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी इससे प्रदेश के करीब 1.50 लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए थम गए । यह निर्णय वाहन मालिकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करने के बाद लिया। ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि परिवहन विभाग द्वारा पुरानी एवं नई गाडिय़ों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि वापस ली जाए। साथ ही प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो 5 प्रतिशत वैट (कर) लगाया है, उसे वापस लिया जाए।प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों को सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था । इस दौरान प्रदेश के सभी ट्रक, टैंकर एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। हड़ताल को इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, लोहा मंडी पार्सल एवं फ्लीट ऑनर्स एसोसिएशन तथा देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है। संगठन के अध्यक्ष सीएल मुकाती एवं प्रांतीय ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव कमल पंजवानी ने बताया कि हम संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाना चाहते, लेकिन सरकार ने हमारी बातों को नहीं सुना। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।उन्होंने बताया कि आज ट्रांसपोर्ट उद्योग डी ग्रोथ में जा रहा है। बिजनेस नहीं होने से कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं पटा पा रहे हैं। सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं। इन सब परेशानियों के बावजूद सरकार ने डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया है।इसके अलावा नए के साथ पुराने वाहनों का लाइफ टाइम टैक्स में वृद्धि कर दी है। जिन वाहनों की लाइफ दो-चार साल बची है, उन पर आजीवन शुल्क वृद्घि का कोई औचित्य नहीं है। पंजवानी ने बताया कि अगर हड़ताल लंबी खिंचती है तो लोगों को दैनिक उपभोग की वस्तुओं के अलावा डीजल-पेट्रोल के संकट का भी सामना करना पड़ेगा।