बड़ी ही शर्म की बात है की भारत की राजनीती इतने निम्न स्तर पर आ चुकी है की विपक्ष में होने का मतलब है हर चीज़ का विरोध करो चाहे वो राष्ट्र विरोधी ही क्यों न हो। मुझे कोई हैरानी नहीं होगी अगर भारत पाकिस्तान पर भी कोई सख्त कार्यवाही करे तो हिंदुस्तान ये विपक्षी दल पाकिस्तान के बचाव में धरने पर उतर जाएं।
पश्चिम बंगाल में कुछ इसी तरह की घटना हुई, देश की शीर्ष कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले पर CBI को निर्देश दिए की आप
जाकर मामले की जांच करे और एसआईटी के पदाधिकारियों से पूछताछ करके सच का पता लगाए।
पश्चिम बंगाल की मुख्या मंत्री ने बिना दिमाग का इस्तेमाल करते हुए इसे सीधे नरेंद्र मोदी द्वारा उनपर हमले की तरह देखा, बस फिर क्या था उन्होंने अपने पुलिस कमिश्नर पर हाथ डालने की सजा देते हुए CBI की टीम को असंवैधानिक रूप से पुलिस हिरासत में लिया , यही नहीं CBI की महिला अफसरों से बदतमीज़ी की गयी और जॉइंट डायरेक्टर श्रीवास्तव के घर वालों तक को प्रताड़ित किया गया।
चोर चोर मौसेरे भाई – ममता के समर्थन में राहुल गाँधी भी आगये जो खुद दो साल पहले शारदा चिटफंड मामले में ममता पर खुल कर आरोप लगा रहे थे
अरे भाई, कुछ तो लिहाज़ करो खुद अपनी ज़ुबान का , क्या उदहारण पेश कर रहे हो जनता के सामने ? आज नरेंद्र मोदी से इतने डरने लगे की जो खुद की नज़र में आज से दो साल पहले गलत था आज उसे ही सही बताने लगे ?
मतलब कांग्रेस के साथ देश के संविधान की साड़ी खींचने लालू यादव , चंद्र बाबू नायडू , अखिलेश यादव, अरविन्द केजरीवाल और तो और मेहबूबा भी आ गयी , बस अब परवेज़ मुशर्रफ की ही कमी रह गयी है।
लाखों लोगो का दर्द भूल अपने अहम् को बचने में लगी
शारदा चिटफंड और रोज वैली घोटाले 2013 में खुली जिनकी कीमत तक़रीबन 40 – 50 हज़ार करोड़ तक है जिसमे लाखो छोटे निवेशकों का सब कुछ लग गया है लेकिन इससे ज़्यादा परवाह ममता बनर्जी को अपने अहम् की है की कैसे किसी ने बंगाल में घुस के मेरे अफसर पर हाथ डाला, वो निवेशक मरे तोह मर जाए , राजनीती किस स्तर पर लोगों में से इन्सानियत निकालती जा रही है।
सीधे पुलिस कमिश्नर और TMC के बड़े नेताओं का नाम आ रहा है, यानी ममता की इतने साल की दुकानदारी पर बट्टा
शारदा घोटाले में हाल ही में एक निजी चैनल ने स्टिंग आपरेशन करके ममता के पूर्व करीबी आशुतोष घोष को ये कहते हुए पकड़ा की किस तरह इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ट नेता और सुबूत मिटाने के लिए एसआईटी के मुखिया पुलिस कमिश्नर ने अहम दस्तावेज़ खुर्द बुर्द कर दिए। ये बात सीबीआई को मालूम थी और इसी की जांच करने वो कलकत्ता पहुंचे थे लेकिन ममता ने अपने पद का भरपूर दुरूपयोग करते हुए ऐसा करने से रोका।
अगर पुलिस कमिश्नर के खिलाफ जाँच में छेड़छाड़ करने के सुबूत तो उसकी खैर नहीं , एक उदाहरण के तौर पर सजा दी जाएगी – सुप्रीम कोर्ट
आज CBI ने सुप्रीम कोर्ट की त्रिशंकु बेंच में याचिका लगायी की किस प्रकार पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार कार्य करने से रोका और किस प्रकार पुलिस कमिश्नर की संदिग्ध भूमिका है पूरे मामले में , ये सुनकर न्यायाधीश श्री गोगोई ने कहा यदि ऐसे सबूत मिले तो ऐसी सजा दी जाएगी कमिश्नर और सरकार को की पूरे देश में उसे उदाहरण के तौर पर देखा जाएगा
ना ही मैं मोदी भक्त हूँ और ना ही कांग्रेस विरोधी, मैं एक आम नागरिक हूँ जो ये देख कर हतप्रभ रह जाता है की किस प्रकार से देश के कानून और संविधान को ताकतवर लोग बहुत ही हलके में लेकर राजनैतिक स्वांग रचाकर जनता को भ्रमित करने की पूरी कोशिश करते हैं , लेकिन एक बात बिलकुल साफ़ है की जब तक देश का वोटर साक्षर नहीं होगा और साक्षर वोटर जब तक वोट नहीं देने जाएगा तब तक देश ऐसे ही तमाशबीनो की जागीर बन कर रह जाएगा जहाँ न तो संविधान , न ही जनता और न ही देशभक्ति की कोई इज़्ज़त होगी।