हनी ट्रैप के नंगे सच को बेनकाब करने वाले मीडिया समूह पर तुगलकी कार्यवाही करने से क्या सच दब जाएगा ? या हनी ट्रैप व्यापम से भी बड़ा और भयानक कांड है जिसमें कई बली चढ़ेंगे ?
डॉ सौरभ माथुर
मध्य प्रदेश मैं उठा हनी ट्रैप मामला कितना संगीन है इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है।
जिस तरह से इंदौर के एक मीडिया समूह ने हनी ट्रैप मामले के सनसनीखेज और चौंका देने वाले खुलासे करने शुरू किए उसके बाद मानो पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जबरदस्त भूचाल आ गया हो।
इंदौर के सांझा लोकस्वामी अखबार ने वो सच लोगों को दिखाना शुरू किया जिसको सरकार व प्रशासन पूरी ताकत से छुपाने की कोशिश करता रहा, नेताओं और नौकरशाहों के नंगे और भद्दे चेहरे देखकर जनता को हैरानी होने लगी और नजरें शर्म से झुकने लगी क्योंकि अगर वह लोग जिस पर जनता की भलाई करने की जिम्मेदारी होती है वह जब इस प्रकार से हुस्न के चंगुल में आकर मर्यादा की सारी सीमाएं पार कर जाते हैं तभी आम आदमी अपने आप को ठगा सा महसूस करता है।
असल में मौजूदा सरकार , पूर्व सरकार के दिग्गजों को यह डर सताने लगा कि अगला नंबर कहीं उनमें से तो किसी का नहीं ?
यदि ऐसा होता तो सोचिए प्रदेश में कितना बड़ा राजनीतिक भूचाल आ जाता जहां जनता का भरोसा दोनों ही राजनीतिक दलों पर से खत्म होने की नौबत आ जाती । इतिहास गवाह है कि जब भी राजनीतिक शासन करने वाली शक्तियों पर संकट के बादल छाए हैं तब तब उन शक्तियों ने साम दाम दंड भेद जैसी सभी तरकीबें को इस्तेमाल करके विरोध को नेस्तनाबूद करने की भरपूर कोशिश की है और कई मामलों में वह सफल भी रहे हैं।
मध्यप्रदेश का बहुचर्चित व्यापम मामला अपने घोटाले से ज्यादा हत्याओं और लोगों को गायब करने की वजह से सुर्खियों में बना रहा लेकिन अब लग रहा है कि हनीट्रैप एक ऐसा मामला है जो अपने अंदर हजारों राज छुपाए बैठा है, जिस दिन वह जहरीले राज जनता के सामने खुलते चले जाएंगे प्रदेश की ही नहीं भारत की राजनीति पर कालिख पुती चली जाएगी, इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल इस मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रहे होंगे इसीलिए कल सरकार ने पुलिस व प्रशासन की ताकत आजमाते हुए एक मीडिया ग्रुप पर देर रात धावा बोल दिया।
जैसे ही कोर्ट में याचिकाकर्ता ने 15 घंटे की सीडी सौंपी मनों राजनीतिक आकाओं व पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए हों, देर शाम आपाधापी में पुलिस प्रशासन ने रणनीति बनाई , 5 थानों के बल और भारी पुलिस जाब्ते के साथ नियमित जांच का बहाना लेते हुए लोकस्वामी मीडिया समूह के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी जिससे हनी ट्रैप मामले में चल रही सरकार और पूर्व सरकार की बेचैनी खुलकर जनता के सामने आ गई।
इतना ही नहीं इस कांड के मुख्य शिकायतकर्ता व भ्रष्ट नगर निगम अभियंता हरभजन सिंह अपने काले कारनामों की पोल खुल जाने के बाद एसएसपी ऑफिस में दौड़ भाग करते हुए वह मुंह छुपाते हुए नजर आए।
हालांकि यह बात भी अपने आप में एक चर्चा का विषय है की हनी ट्रैप के इतने गंभीर वीडियोस किस प्रकार से एसआईटी के चंगुल से निकलकर मीडिया तक पहुंच गए लेकिन यदि ऐसा हुआ भी है तो संविधान के चौथे स्तंभ का जनता को सच दिखाना भी उतना ही जरूरी है जितना पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखना, नेताओं को जनता पर विश्वास बनाए रखना व प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है लेकिन इस पूरे मामले पर जिस प्रकार से कल रात सरकार के इशारे पर तुगलकी कार्रवाई की गई वह बेहद निंदनीय है साथ ही राजनीतिक आकाओं की बेचैनी सार्वजनिक हो जाने के बाद जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाली है।
अंत में आनंद बक्शी द्वारा लिखे गए गीत के बोल आज जीवंत नजर आते हैं:
‘ हां, सच्चाई छुप नहीं सकती झूठे उसूलों से क्यों खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से ‘
डॉ सौरभ माथुर,
संपादक भारती न्यूज़,
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