12 पब, दर्जनों मसाज पार्लर और अवैध एडवाइजरी कंपनियां जांच के घेरे में
पब पर छापा मारने के दौरान पब संचालक द्वारा 50-60 पुलिसकर्मियों को पैसे देने के बयान के बाद पूरा विजय नगर थाना जांच के घेरे में है। इलाके में 12 पब, दर्जनों मसाज पार्लर और अवैध एडवाइजरी कंपनियां संचालित हो रही हैं। जांच में जुटे अफसर यह भी जांच रहे हैं कि क्या इन जगहों से भी थाने के पुलिसकर्मी अवैध वसूली करते हैं। एसएसपी के निर्देश के बाद डीएसपी ने चार बिंदुओं को जांच में शामिल कर छानबीन शुरू कर दी है।
रविवार देर रात एडीजी ऑफिस में पदस्थ डीएसपी पल्लवी शुक्ला ने एबी रोड स्थित ट्रांस पब में छापा मारा था। वहां 250 से अधिक युवक-युवतियां नशे में तेज म्यूजिक पर डांस कर रहे थे। क्लब में शराब परोसी जा रही थी। डीएसपी ने विजय नगर थाने से पुलिसकर्मियों को कार्रवाई के लिए कहा तो 15-20 मिनट तक पुलिस नहीं पहुंची। बाद में एसएसपी को पूरा वाकया बताया। उन्होंने टीआई को डपटते हुए मौके पर जाने के लिए कहा। पब संचालक का डीएसपी को यह कहते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था कि ‘मैं थाने के 50-60 पुलिसकर्मियों को पैसा भेजता हूं तो कार्रवाई क्यों, आप बाहर जाइए, मेरा वकील आपसे बात करेगा।’डीएसपी ने तय किए जांच के ये चार बिंदु
1. कौन-कौन पुलिसकर्मी लेते हैं रुपए
उन पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी जिनका पब में आना-जाना है और संचालक से रुपए लेते हैं। डीएसपी के मुताबिक लेनदेन का रजिस्टर मेंटेन किया जाता है। संचालक से रजिस्टर जब्त किया जाएगा। पब के सीसीटीवी फुटेज निकाले जा रहे हैं। पब संचालक अंशुमन विजयवर्गीय व मैनेजर की कॉल डिटेल भी निकाली जाएगी।
2. बीट इंचार्ज की भूमिका जांची जाएगी, लाइसेंस निरस्त क्यों नहीं करवायापुलिस ने 15 फरवरी को धारा 188 के तहत कार्रवाई की थी। यह खानापूर्ति के लिए की गई। इसके बाद जांच दबा ली और पब पर लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई नहीं की।
3.आबकारी अधिनियम की कार्रवाई नहीं कीदेर रात शराब परोसने पर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन हुआ लेकिन पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज नहीं किया।
4. शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस क्यों नहीं बनाया
मौके से पकड़ाए पब संचालक ने पुलिस अधिकारी से अभद्रता की। डीएसपी के मुताबिक उसने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई लेकिन विजय नगर पुलिस ने धारा 353 के तहत केस दर्ज नहीं किया।
रिपोर्ट मिलते ही होगी कड़ी कार्रवाई
डीएसपी से जांच रिपोर्ट मांगी है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रुचिवर्धन मिश्र, एसएसपी
वसूली के लिए सिपाहियों में मचती है होड़
थाने की सीआई सेल में पदस्थ सिपाहियों में वसूली के लिए होड़ मची रहती है। यह जिम्मा उसे ही मिलता है जो टीआई का करीबी होता है। उसे होटल, मॉल, पब में एंट्री करवाने, फिल्म दिखवाने का काम भी करना पड़ता है। फिलहाल यह काम जगदीश डांगी और सत्येंद्र के पास है। पहले तत्कालीन टीआई का करीबी सिपाही मनोज करता था। वर्तमान टीआई रत्नेश मिश्रा के आने पर मनोज लसूड़िया थाने पहुंच गया।
अवैध वसूली के आरोप भी जांच के घेरे में…
थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के अनुरोध पर बताया कि क्षेत्र में 12 पब हैं जिनसे हर महीने चार लाख रुपए वसूले जाते हैं। परिचित और रिश्तेदारों को पार्टी के लिए एंट्री अलग होती है। इस क्षेत्र में पुलिस की कमाई का दूसरा बड़ा जरिया अवैध एडवाइजरी कंपनियां और मसाज पार्लर हैं। यहां से भी करीब चार लाख रुपए महीना वसूला जाता है। इसके अलावा कबाड़ के कारोबारी, होटल, मॉल, ऑनलाइन फूड डिलिवरी एजेंसियों और जमीन खरीदी-बिक्री के आवेदनों की जांच में भी लाखों रुपए की उगाही के आरोप हैं।