2 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में फर्जी एडवाइजरी पर एसटीएफ कि बड़ी कार्यवाही, 48 लोगों को हिरासत में लेकर किया पूरा भंडाफोड़
इंदौर एसटीएफ द्वारा एडवाइजरी कंपनी की आड़ में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले को उजागर करते हुए 14 महिलाएं 34 पुरुष सहित 48 मॉनिटर कंप्यूटर व कॉल सेंटर संचालित करने में उपयोगी 46 कीमती मोबाइल भी जप्त किए गए हैं ,फर्जी एडवाइजरी कंपनी में एमबीए तक शिक्षित कर्मचारी काम करते हुए पाए गए।
फर्जीवाड़ा इस कदर से एसटीएफ ने उजागर किया है मानो लुभावने प्रलोभन देकर आम जनता की गाढ़ी कमाई उनकी जेब से ढीली करने वाली फर्जी रैपिड रिसर्च टेक्नोलॉजी कंपनी पर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है।
कंपनी द्वारा इंदौर सहित कई राज्यों के लोगों से कॉल कर करो रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की गई है, कार्रवाई में पकड़ाई कर्मचारियों द्वारा नाम बदलकर आम जनता को कॉल कर धोखाधड़ी करते थे।
एसटीएफ ने भोपाल में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था , एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया की कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी अन्य व्यवसाय से होने वाली आकर्षण आए को दिखाते हुए फर्जी नाम से एडवाइजरी कंपनी बनाई और देशव्यापी लोगों से 2 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की है।
फिलहाल पकड़ाई महिला और पुरुषों से पूछताछ की जा रही है तो वहीं मोबाइल की डिटेल भी निकालना शुरू कर दी है ताकि कितने लोगों से धोखाधड़ी की गई है उनका डाटा जुगाड़ आ जा सके।
पूरी कार्रवाई में मुख्य आरोपी विनोद विश्वकर्मा निवासी नंदा नगर अभी फरार है जिसकी तलाश के लिए कई टीमें गठित कर मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी तलाश की जा रही है।
बाईट – पदम् विलोचन शुक्ल , एसपी ,एसटीएफ