72 घंटे पहले प्रशस्त्री पत्र, 72 घंटे बाद नोटिस – विजय नगर पब कांड जांच मामला
इंदौर। शायद इंदौर पुलिस को अपने ही सिपहसालारों पर भरोसा नहीं रहा या फिर मीडिया का दबाव हाथ पैर फुला रहा है लेकिन उच्च अधिकारियों का ये तोला मासा रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है।
72 घंटे पहले शहर की एसएसपी से प्रशस्ति पत्र लेने वाले विजय नगर टीआई रत्नेश मिश्रा को ट्रांस पब मामले में उसी एसएसपी और एसपी द्वारा लापरवाही पर नोटिस जारी कर दिया जो कई सवाल खड़े करता है:
1) यदि टीआई सक्षम नहीं है तो किस आधार पाए उन्हें प्रशस्ति पत्र और सम्मान दिया गया, क्या ये एक दिन का ऑब्ससर्वशन था या चुनाव ही गलत हो गया ?
2) यदि उन्होंने वास्तव में अच्छा काम किया तो ट्रांस पब की लापरवाही के ज़िम्मेदार और कौन कौन ?
ऐसे अन्य कई सवालों से पूरा पुलिस प्रशासन घिरा हुआ है, वो खुद नही तय कर पा रहे है कि किसकी तरफ से खड़े हों या कौन सही, कंही ऐसा तो नही की दबाव में आकर अपने ही सिपहसालारों से विश्वास उठ गया या पुलिस मोटिवेशन के नाम पर कोई भारी भूल हो गई ?