प्राइवेट छात्रों को शासकीय कृषि कॉलेज में एडमिशन देने के नियम के विरुद्ध छात्रों ने कृषि मंत्री सचिन यादव का पुतला जलाया
कृषि कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए निजी और प्रायवेट सेक्टर के अलग-अलग नियमों के फेर में उलझे छात्र अब विरोध प्रदर्शन अब विरोध प्रदर्शन में उतार गए हैं।शासकीय कृषि कॉलेज में पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू हो चुका है। इंदौर में भी कृषि महाविद्यालय के बाहर ताला लगा कर छात्रों ने कृषि मंत्री का पुतला फूंका।
कृषि महावद्यिालय इंदौर के भूतपूर्व छात्र ने बताया कि हमारे यहां शासकीय कृषि कॉलेज और प्रायवेट कृषि कॉलेजों में एडमिशन के लिए अलग-अलग नियम बने हुए हैं। जिसके चलते छात्रों का नुकसान हो रहा है। हम चाहते हैं मेडिकल एजुकेशन में जिस तरह निजी या सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेना हो तो नीट की परीक्षा देना होती है। उसी तरह एग्रीकल्चर कॉलेज में भी एडमिशन लेना है तो ऐसी ही परीक्षा ली जाना चाहिए। छात्र का कहना है कि वर्तमान में इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के नियमों के तहत शासकीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले कॉलेजों में एडमिशन देना है तो प्री एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) देना होता है, लेकिन निजी विवि या कॉलेज में एडमिशन सीधे हो जाते हैं। प्रदेश में वर्तमान में हर साल सरकारी कॉलेजों से जहां १ हजार बच्चे निकल रहे हैं, वहीं प्रायवेट से १० हजार। जबकि प्रायवेट विवि और कॉलेजों के पास न तो संसाधन हैं न रिसर्च के लिए जमीनें। कई कॉलेज तो दो से तीन कमरों में संचालित हो रहे हैं। जबकि दोनों का कोर्स एक ही है। ऐसे में शासकीय कॉलेजों में चार साल बच्चे कड़ी मेहनत से पढऩे के बाद रिसर्च करते हैं फिर डिग्री मिलती है, लेकिन निजी में आसानी से डिग्री मिल जाती है। जब नौकरी की बारी आती है तो दोनों कम्पीट करते हैं। ऐसे में निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले बच्चों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
शासकीय कृषि कॉलेजों का संचालन जहां कृषि मंत्रालय मध्यप्रदेश करता है, वहीं प्रायवेट यूजीसी के अंडर आते हैं। प्रदेश में दो शासकीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। राजमाता विजयराजे कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर जिसके अंडर में इंदौर, खंडवा, मंदसौर, सीहोर, ग्वालियर कॉलेज आते हैं। वहीं जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर, इसमें रीवा, जबलपुर, गंजबसौदा, छिंदवाड़ा व अन्य कॉलेज आते हैं। जबकि २० से अधिक प्रायवेट कॉलेज हैं।
सुपर – कृषि कॉलेज के बच्चो ने लगाया कॉलेज में ताला
बच्चो का कहना प्रायवेट कॉलेज में नही होती वैधानिक पढ़ाई
एडमिशन के पहले हो परीक्षा