समान प्रकृति की योजनाओं का अम्ब्रेला होगा एकीकृत स्त्री शक्ति कार्यक्रम – श्रीमती इमरती देवी
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा है कि महिलाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाली योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों और अधिनियमों के बीच सामंजस्य और परिणाममूलक क्रियान्वयन के लिये एकीकृत स्त्री शक्ति कार्यक्रम बनाया जायेगा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दोहराव वाली राज्य की विभागीय योजनाओं को समाप्त कर उनके उद्देश्यों को केन्द्र की योजनाओं में समाहित करना है। उन्होंने कहा कि महिला-बाल विकास विभाग के अलावा भी महिलाओं से संबंधित योजनाओं/कार्यक्रमों को इस कार्यक्रम में जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि एकीकृत स्त्री शक्ति कार्यक्रम एक ऐसा अम्ब्रेला होगा, जिसमें महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों और योजनाओं की साझा प्लानिंग, व्यवस्थित निगरानी के साथ बेहतर परिणाम और संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो पायेगा। अम्ब्रेला में विभिन्न योजनाओं और अधिनियमों की मेपिंग, त्वरित न्याय के लिये जिला स्तर पर फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना, विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी को वूमेन प्रोटक्शन अधिकारी का भी दायित्व सौंपना, लैंगिक समानता से संबंधित विषयों पर निरंतर शोध और अध्ययन, महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा से संबंधित विषयों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने का काम किया जायेगा।
सभी जिलों में होगा लागू
यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जायेगा। आठ जिलों में भारत सरकार का महिला शक्ति केन्द्र इस पर होने वाले व्यय का 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत वहन करेगी। शेष 44 जिलों के एक-एक विकासखण्ड में कार्यक्रम की गतिविधियों पर होने वाला व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। कार्यक्रम की सतत् निगरानी के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास समिति के सचिव रहेंगे तथा प्रमुख सचिव, गृह, शिक्षा, श्रम, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, आदिम-जाति कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा विधि विभाग सदस्य होंगे। जिला स्तर पर जिला टास्क फोर्स और विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड टास्क फोर्स समितियाँ स्थापित होंगी।
एकीकृत स्त्री शक्ति कार्यक्रम की गतिविधियों के लिये राज्य स्तर पर राज्य महिला संसाधन केन्द्र स्थापित किया जायेगा। यह केन्द्र राज्य स्तर पर तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर भी महिला केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।